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भारतीय उद्यमी नंदन नीलेकणि से सीखने को मिल सकते हैं ये 5 अहम सबक
नंदन नीलेकणि से सीखें परोपकार के 5 अहम सबक

भारतीय उद्यमी नंदन नीलेकणि से सीखने को मिल सकते हैं ये 5 अहम सबक

लेखन अंजली
Oct 21, 2024
09:08 pm

क्या है खबर?

इंफोसिस कंपनी के सह-संस्थापक और आधार परियोजना के प्रमुख रहे नंदन नीलेकणि ने अपने जीवन में परोपकार को एक अहम स्थान दिया है। उनके अनुभवों और कामों से हमें कई जरूरी जीवन पाठ मिलते हैं। नीलेकणि का मानना है कि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, तकनीकी नवाचार, पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास पर ध्यान देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। आइए उनके परोपकारी नजरिए से जुड़ी पांच अहम बातें जानते हैं।

#1

शिक्षा का महत्व समझें

नीलेकणि का मानना है कि शिक्षा समाज की प्रगति का सबसे बड़ा साधन है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा क्षेत्र में निवेश किया है। उनका कहना है कि अच्छी शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है और इससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कई शैक्षिक परियोजनाओं में योगदान दिया ताकि गरीब और वंचित बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। नीलेकणि के अनुसार, शिक्षा से ही समाज में समानता और विकास संभव है।

#2

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करें

नीलेकणि ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी कई प्रयास किए हैं। उनका मानना है कि स्वस्थ समाज सशक्त समाज होता है। उन्होंने कई स्वास्थ्य परियोजनाओं में योगदान देकर यह सुनिश्चित किया कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को भी उचित चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए भी काम किया, ताकि वहां के लोग भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।

#3

तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दें

नीलेकणि ने हमेशा तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया है। उनका मानना है कि तकनीक के माध्यम से हम कई सामाजिक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। आधार परियोजना इसका एक बेहतरीन उदाहरण है, जिससे करोड़ों लोगों की पहचान हुई और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उन तक पहुंचा। इसके अलावा उन्होंने डिजिटल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी तकनीकी नवाचार को अपनाने पर जोर दिया ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके।

#4

पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दें

पर्यावरण संरक्षण नीलेकणि की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। उन्होंने कई पर्यावरणीय परियोजनाओं में निवेश किया और लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए। उनका कहना है कि हमें अपनी धरती की सुरक्षा करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ वातावरण मिल सके। उन्होंने वृक्षारोपण, जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण जैसे क्षेत्रों में भी काम किया, जिससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिली।

#5

सामुदायिक विकास को प्राथमिकता दें

नीलेकणि ने हमेशा सामुदायिक विकास पर जोर दिया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं चलाईं, जिससे वहां रहने वाले लोगों का जीवन स्तर सुधर सके। उनका मानना था कि जब तक गांवों का विकास नहीं होगा, तब तक देश की प्रगति अधूरी रहेगी। नीलेकणि ने यह भी सुनिश्चित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़े, जिससे वहां के लोग भी बेहतर जीवन जी सकें।