जयपुर के 5 सबसे प्रसिद्ध मंदिर, जहां हमेशा लगी रहती है भक्तों की भीड़
क्या है खबर?
राजस्थान की राजधानी जयपुर को गुलाबी शहर के रूप में भी जाना जाता है और यह समृद्ध संस्कृति, विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के साथ-साथ खूबसूरत मंदिरों का घर है।
यहां के मंदिर अपने शांत वातावरण और सुंदर बनावट से आपको मंत्रमुग्ध कर सकते हैं।
अगर आप जयपुर घूमने निकले हैं या घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो इसकी शुरुआत यहां के मंदिरों से करें।
चलिए फिर जयपुर के 5 सबसे प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानते हैं।
#1
गलताजी मंदिर
यह प्राचीन मंदिर स्थल जयपुर के बाहरी इलाके में शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर खनिया-बालाजी में स्थित है।
यह मंदिर बालाजी को समर्पित है। यह तालाबों, प्राकृतिक झरनों और पवित्र जल की टंकियों के लिए भी प्रसिद्ध है, जिनमें तीर्थयात्री प्राचीन काल में स्नान किया करते थे।
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आप या तो कार किराए पर ले सकते हैं या शहर में डिपो से चलने वाली स्थानीय बस ले सकते हैं।
#2
शिला देवी मंदिर
यह मंदिर आमेर किले में स्थित है और देवी दुर्गा को समर्पित है। आमेर के राजा मान सिंह ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
किंवदंतियों के मुताबिक, राजा मान सिंह के खिलाफ बंगाल में लड़ाई हारने के बाद जेस्सोर के राजा ने उन्हें एक काला पत्थर भेंट किया था, जिसमें से देवी दुर्गा की छवि उकेरी गई थी।
आप आमेर किले तक पहुंचने के लिए हवामहल से कार किराए पर ले सकते हैं या बस ले सकते हैं।
#3
गोविंददेवजी मंदिर
किंवदंतियों के अनुसार, महाराजा सवाई जयसिंह ने साल 1735 में भगवान कृष्ण का सपना देखने के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया था। महाराजा सवाई जयसिंह वृंदावन से भगवान की मूर्ति लाए थे।
इस मंदिर ने "सबसे चौड़ी सिंगल स्पैन आरसीसी फ्लैट रूफ" के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया है।
आप शहर से ऑटो या डिपो से टैक्सी या स्थानीय बस लेकर गोविंददेवजी मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
#4
मोती डूंगरी मंदिर
यह मंदिर 18वीं शताब्दी में सेठ जय राम पालीवाल ने बनवाया था और यह भगवान गणेश को समर्पित है।
यह बिरला मंदिर के बगल में एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। इसके चारों ओर एक सुंदर महल बना हुआ है।
यह शहर के केंद्र में स्थित है, इसलिए आप ऑटो या टैक्सी और यहां तक कि स्थानीय बस से भी यहां पहुंच सकते हैं।
#5
बिरला मंदिर
इस मंदिर का निर्माण बिरला उद्योग समूह ने साल 1988 में पूरे भारत में निर्मित कई मंदिरों के हिस्से के रूप में किया गया था।
यह भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसे लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह अच्छी गुणवत्ता वाले सफेद संगमरमर से बना है।
बिरला मंदिर तक पहुंचने के लिए आप ऑटो या टैक्सी या स्थानीय बस ले सकते हैं।