14 या 15 मार्च, किस तारिख को मनाई जाएगी होली? जानिए रंगों के त्योहार का महत्व
क्या है खबर?
'रंगों का त्योहार' कहलाई जाने वाली होली देशभर में धूम-धाम से मनाई जाती है। यह देश के सबसे बड़े पर्वों में से एक है, जिसका बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को इंतजार रहता है।
यह त्योहार सर्दियों के खत्म होने और बसंत के शुरू होने का प्रतीक होता है। आमतौर पर होली मार्च में मनाई जाती है, लेकिन इसकी तारीख चंद्रमा की गति पर निर्भर करती है।
आइए जानते हैं इस साल होली कब मनाई जाएगी।
तिथि
कब मनाई जाएगी होली?
मान्यताओं के अनुसार, होली प्रत्येक वर्ष फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल यह त्योहार 14 मार्च 2025 यानि कि शुक्रवार को मनाया जाएगा।
पूर्णिमा तिथि 13 मार्च 2025 को सुबह 10:35 से शुरू होगी और 14 मार्च 2025 को दोपहर 12:23 बजे समाप्त हो जाएगी। 13 मार्च 2025 को होलिका दहन किया जाएगा और 14 मार्च को रंग खेला जाएगा।
आप होली के दिन ये पारंपरिक व्यंजन बनाकर खा सकते हैं।
महत्व
क्यों किया जाता है होलिका दहन?
हिन्दू धर्म के अनुसार, प्रह्लाद राक्षस कुल में जन्मे थे, लेकिन नारायण के परम भक्त थे। उनके पिता हिरण्यकश्यप को उनकी भक्ति अच्छी नहीं लगती थी और वे उन्हें मारने का निरंतर प्रयास करते थे।
उनकी बुआ होलिका को वरदान था कि वह आग में जलेगी नही। वह प्रह्लाद को मारने के लिए उन्हें गोद में लेकर आग में बैठ गई थी।
हालांकि, भगवान विष्णु के चमत्कार से होलिका जल गई और प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ था।
रंग खेलना
राधा रानी और श्री कृष्ण ने शुरू की थी रंग खेलने की प्रथा
कथाओं के अनुसार, होली पर रंग खेलने की प्रथा श्री कृष्ण और राधा रानी ने शुरू की थी। इस दिन भगवान कृष्ण ने अपने दोस्तों संग मिलकर राधा रानी और उनकी सखियों को रंग लगाया था।
राक्षसी पूतना का जहरीला दूध पीने के बाद श्री कृष्ण की त्वचा नीली पड़ गई थी और उन्हें चिंता थी कि राधा रानी उन्हें पसंद नहीं करेगी।
इसके बाद यशोदा मां ने उन्हें सुझाव दिया था कि वह राधा रानी को रंग लगा दें।
तरीका
इस तरह मनाई जाती है होली
होली का जश्न 2 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरुआत होलिका दहन से होती है। इस दिन आग जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है और 7 बार परिक्रमा की जाती है।
दहन के अगले दिन सभी लोग पूरे हर्षों-उल्लास के साथ रंग और गुलाल खेलते हैं। शाम के समय नए वस्त्र पहनकर लोग अपने करीबियों, दोस्तों और रिश्तेदारों के घर होली मिलने जाते हैं।