आने वाला है गणतंत्र दिवस, जान लीजिए इस पर्व से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
क्या है खबर?
26 जनवरी को देश अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने वाला है, जिस दिन हर भारतीय देशभक्ति में सराबोर नजर आता है।
साल 1950 में इसी दिन भारत के संविधान को अपनाया गया था, जिसके उपलक्ष्य में यह त्योहार मनता है। इस दिन नई दिल्ली के राजपथ यानि कर्तव्य पथ पर परेड निकाली जाती है और झंडा फेहराया जाता है।
आज के लेख में हम आपको इस त्योहार से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे, जिनके बारे में आपने नहीं सुना होगा।
#1
विशेष कारण से चुनी गई थी यह तारीख
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करते हुए पूर्ण स्वराज प्रस्ताव की घोषणा की थी।
हालांकि, भारत तब तक स्वतंत्र नहीं हुआ था, लेकिन यह घोषणा स्वतंत्रता की लड़ाई में एक साहसिक कदम थी।
जब 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने का समय आया, तो यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी आधिकारिक तौर पर भारत को एक गणतंत्र के रूप में स्थापित करने का दिन होगा।
#2
1950 में निकाली गई थी पहली परेड
भारत का पहला गणतंत्र दिवस समारोह 1950 में ही आयोजित किया गया था। गणतंत्र दिवस परेड नई दिल्ली के इरविन एम्फीथिएटर यानि नेशनल स्टेडियम में आयोजित की गई थी।
यह परेड स्वतंत्र राष्ट्र की ताकत और एकता का प्रदर्शन करने के लिए की गई थी और भारतीय संविधान के प्रभावी होने का प्रतीक थी।
उस वर्ष के समारोह का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ध्वज फहराना था। हालांकि, आज की तुलना में उस साल की परेड काफी साधारण थी।
#3
29 जनवरी को खत्म होता है गणतंत्र दिवस का समारोह
आपको जानकर हैरानी होगी कि 26 जनवरी को शुरू होने वाला समारोह आधिकारिक तौर पर 29 जनवरी को खत्म होता है।
हर साल इस दिन दिल्ली के विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह होता है, जिसके बाद ही उत्सव खत्म होता है। बीटिंग रिट्रीट एक सैन्य समारोह है, जिसकी शुरुआत 17वीं सदी में इंग्लैंड में हुई थी।
भारत में इसे भारतीय सेना के समारोह और कल्याण निदेशालय के मेजर रॉबर्ट्स द्वारा शुरू किया गया था।
#4
डॉ राजेंद्र प्रसाद थे गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने वाले पहले राष्ट्रपति
भारत के गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड में शामिल होने वाले पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे। इस खास समारोह में उनकी उपस्थिति भारत के ब्रिटिश उपनिवेश से पूर्ण स्वतंत्र गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक थी।
तब से ही राष्ट्रपति द्वारा नई दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता करने की परंपरा शुरू हो गई थी, जो आज तक निभाई जा रही है।
राष्ट्रपति का भाषण और सैन्य परेड गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण हैं।
#5
इस दिन ध्वजारोहण की जगह फेहराया जाता है झंडा
काफी कम लोग जानते हैं कि गणतंत्र दिवस पर 'झंडा फहराने' और स्वतंत्रता दिवस पर 'ध्वजारोहण' करने की परंपरा होती है।
जब तिरंगे को ऊपर की तरफ खींचकर फहराया जाता है, तो उसे 'ध्वजारोहण' कहते हैं। दूसरी ओर जब राष्ट्रीय ध्वज ऊपर बंधा रहता है और उसको खोलकर फहराते हैं, तब इसे 'झंडा फहराना' कहा जाता है।
26 जनवरी को झंडे को लपेटा जाता है और एक पोल पर जोड़ा जाता है। इसके बाद राष्ट्रपति इसका अनावरण करते हैं।