भारत के इन राज्यों में अनोखे तरीकों से मनाई जाती है होली
होली हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो इस साल 25 मार्च को है। इससे एक दिन पहले छोटी होली मनाई जाएगी, जिसे होलिका दहन के नाम से भी जाना जाता है। दोनों होली के अपने-अपने महत्व है और भारत के अलग-अलग राज्यों में इन्हें मनाने का तरीका भी अनोखा है। आइए आज हम आपको भारत के उन राज्यों के बारे में बताते हैं, जहां होली मनाने का तरीका थोड़ा हटकर है।
सिग्मा या रंग पंचमी (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र में होली को रंग पंचमी और सिग्मा के नाम से जाना जाता है। यहां फाल्गुन महीने में पूर्णिमा वाले दिन सूर्यास्त के बाद लकड़ी जलाकर होली के त्योहार की शुरुआत की जाती है। इसके अगले दिन लोग रंग पंचमी मनाते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं। बता दें कि उत्तर भारत में पूर्णिमा वाले दिन रंगों की होली मनाई जाती है, लेकिन महाराष्ट्र में उस दिन सूर्यास्त पर होलिका दहन होता है।
लट्ठमार होली (उत्तर प्रदेश)
उत्तर प्रदेश में लट्ठमार होली मनाने की परंपरा है। यहां वृंदावन, बरसाना और मथुरा में महिलाएं लाठियों के साथ पुरुषों और लड़कों का पीछा करती हैं और उन्हें मारने की कोशिश करती हैं। इस दौरान पुरुष और लड़के खुद को बचाने के लिए ढाल का सहारा लेते हैं, लेकिन अगर वे महिलाओं द्वारा पकड़े जाते हैं तो उन्हें महिलाओं के कपड़े पहनकर सड़कों पर डांस करना पड़ता है।
होला मोहल्ला (पंजाब)
पंजाब में होली को होला मोहल्ला के नाम से जाना जाता है। यह पूर्णिमा वाले दिन के बाद मनाया जाता है और वास्तव में यह सिख योद्धाओं की बहादुरी का जश्न मनाने वाला उत्सव है। यह उत्सव एक विशेष संप्रदाय की विशेषता है, जिन्हें निहंग सिख के नाम से जाना जाता है और इसमें पारंपरिक मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया जाता है। इसके बाद नाच-गाकर उत्सव का आनंद लिया जाता है।
याओसांग (मणिपुर)
मणिपुर में भारत के बाकी राज्यों की तरह 1 या 2 दिन नहीं, बल्कि 6 दिनों तक होली मनाई जाती है। हालांकि, स्थानीय तौर पर त्योहार को याओसांग के नाम से जाना जाता है। यहां के उत्सव में स्वदेशी उत्तर-पूर्वी और हिंदी परंपराओं का मिश्रण शामिल होता है। यहां होली का मुख्य आकर्षण थाबल चोंगबा है, जो एक पारंपरिक मणिपुरी लोक नृत्य है। इसके बिना होली का त्योहार अधूरा माना जाता है।
रॉयल होली (राजस्थान)
अगर आप होली के भव्य समारोह का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए राजस्थान का रूख करें। यहां के उदयपुर शहर में हर साल होली के मौके पर शाही मेवाड़ परिवार द्वारा शानदार होली उत्सव आयोजित किए जाते हैं। उत्सव में सजाए गए घोड़ों और शाही बैंड का एक भव्य जुलूस शामिल होता है। वहीं होली की पूर्व संध्या पर एक विशेष अलाव जलाया जाता है, जो होलिका दहन का प्रतीक होता है।