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असम: अतिक्रमण हटाने को लेकर मचा बवाल, दो प्रदर्शनकारियों की मौत और नौ पुलिसकर्मी घायल
असम में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुई हिंसक झड़प।

असम: अतिक्रमण हटाने को लेकर मचा बवाल, दो प्रदर्शनकारियों की मौत और नौ पुलिसकर्मी घायल

Sep 23, 2021
08:12 pm

क्या है खबर?

असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी में गुरुवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान लोग पुलिस से भिड़ गए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प देखने को मिली। इस दौरान पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई तथा प्रदर्शनकारियों के हमले में नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए। सूचना पर पहुंचे अतिरिक्त पुलिस बल ने स्थिति पर काबू पाया। मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।

प्रकरण

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों ने बोला पुलिस पर हमला

इंडिया टुडे के अनुसार, असम सरकार की ओर से दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में बड़े पैमाने पर मौजूद अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया गया था। इसके लिए भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे थे और JCB की मदद से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। उसी दौरान अतिक्रमियों ने अचानक से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई शुरू की।

अभियान

इन क्षेत्रों में चलाया गया था अतिक्रमण हटाओ अभियान

दरांग जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) सुशांत बिस्वा सरमा ने बताया कि अतिक्रमण हटाने का अभियान ढोलपुर गोरुखुटी के बाजार क्षेत्र, पश्चिम चुबा क्षेत्र, ढोलपुर नंबर एक और नंबर तीन तथा सिपाझार राजस्व सर्कल में चलाया जा रहा था। इस दौरान ढोलपुर नंबर एक और तीन के बीच अतिक्रमियों ने पुुलिस पर पथराव कर दिया। इसमें नौ पुलिसकर्मी घायल हो गए। ऐसे में पुलिस को भी मजबूरन बल प्रयोग करना पड़ा है।

मौत

पुलिस फायरिंग में हुई दो अतिक्रमियों की मौत

अतिक्रमियों के हमले के बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह अधिक उग्र हो गए। पुलिस ने अपनी जान को खतरा देखते हुए फायरिंग कर दी। इसमें गोली लगने से दो अतिक्रमियों की मौत हो गई। हालांकि, पुलिस ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। SP सरमा ने बताया कि दो अतिक्रमियों के गोली लगने की सूचना है। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है।

कारण

क्या रहा है अतिक्रमियों के विरोध कारण

असम सरकार की ओर से चलाए गए इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के कारण क्षेत्र में बसे 800 से अधिक परिवार बेघर हो गए। उनके आशियाने टूटने से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इससे वह पुलिस सामने खड़े हो गए। लोगों का कहना था वह सालों से यहां रह रहे हैं, लेकिन सरकार ने अतिक्रमण के नाम पर उनके घरों को तोड़कर बेघर कर दिया। ऐसे में अब उनके और उनके परिवारों के सामने सिर छिपाने का खतरा आ गया है।

पृष्ठभूमि

जून में भी चलाया गया था अतिक्रमण हटाओ अभियान

बता दें कि असम के इस गांव में पहली बार जून में इस तरह का अतिक्रमण अभियान चलाया गया था। जिसके बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने यहां का दौरा किया था। कमेटी ने बताया था कि उस अभियान में 49 मुस्लिम परिवार और एक हिंदू परिवार को वहां से हटाया गया था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उस दौरान गांव की 120 बीघा जमीन को खाली कराया गया था, जो प्राचीन शिव मंदिर से जुड़ी थी।

प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने कसा असम सरकार पर तंज

इस घटना को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर असम सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा, 'असम राज्य प्रायोजित आग में जल रहा है। मैं असम में अपने भाई-बहनों के साथ खड़ा हूं। भारत का कोई भी बच्चा इसके लायक नहीं है।' इसी तरह असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने असम सरकार की निंदा करते हुए इसे अमानवीय बताया है। उन्होंने कहा कि असम सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है।