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भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, 1.06 लाख करोड़ का ऐतिहासिक सौदा कर सकती है सरकार
भारतीय नौसेना के लिए 1.06 लाख करोड़ का ऐतिहासिक सौदा कर सकती है सरकार

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत, 1.06 लाख करोड़ का ऐतिहासिक सौदा कर सकती है सरकार

लेखन आबिद खान
Jul 11, 2025
05:55 pm

क्या है खबर?

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) को 1.06 लाख करोड़ का ठेका दिया जा सकता है। इनसे 2 प्रमुख पनडुब्बी परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा। भारत के इतिहास में ये अब तक का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा। इससे अगले एक दशक में नौसेना की ताकत और बढ़ जाएगी।

रिपोर्ट

6 अत्याधुनिक पनडुब्बियां बनाने के लिए होगा सौदा

न्यूज18 ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के अंत तक MDL को जुड़वां पनडुब्बी निर्माण का ठेका दिया जा सकता है। ये भारत के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट 75I' का हिस्सा होगा। इसके तहत 70,000 करोड़ रुपये की लागत से 6 अत्याधुनिक पनडुब्बियां बनाई जाएंगी। इस सौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस परियोजना के लिए MDL की जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स (TKMS) के साथ साझेदारी होगी।

पनडुब्बी

कैसी होंगी ये आधुनिक पनडुब्बियां?

ये पनडुब्बियां HDW क्लास 214 डिजाइन पर आधारित होंगी। इनकी लंबाई 72 मीटर और वजन लगभग 2,000 टन होगा। यह पनडुब्बियां विशेष एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम से लैस होंगी, जो इन्हें सतह पर आए बिना 2 हफ्ते तक पानी के अंदर रहने में सक्षम बनाएगा। इसमें 60 प्रतिशत तक स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल होगा, जो आत्मनिर्भर भारत के अभियान को भी आगे बढ़ाएगा। संभावना है कि समझौता होने के 7 साल बाद देश को पहली पनडुब्बी मिल सकती है।

दूसरा सौदा

3 स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के लिए भी सौदा करने जा रही सरकार 

सरकार अगली पीढ़ी की 3 स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 36,000 करोड़ रुपये के सौदे को भी मंजूरी दे सकती है। ये मौजूदा स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का आधुनिक वर्जन होंगी, जिनमें 60 प्रतिशत देसी सामग्री इस्तेमाल की जाएगी। इस समझौते के तहत पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी 6 साल में तैयार होगी और बाकी 2 को अगले 2 सालों में तैयार करने की योजना है। फिलहाल भारत के पास 130 से अधिक जहाज और 61 युद्धपोत निर्माणाधीन हैं।

अपग्रेड

स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को अपग्रेड करने का काम भी जारी

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों को अपग्रेड भी कर रहा है। इसके लिए स्वदेशी AIP सिस्टम विकसित किया गया है। दिसंबर, 2024 में सरकार ने इसके लिए MDL के साथ 1,990 करोड़ रुपये का अनुबंध किया गया है। वहीं, फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ भी 877 करोड़ रुपये का समझौता किया गया है। इसके तहत स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में इलेक्ट्रॉनिक हेवी वेट टॉरपीडो लगाए जाएंगे।

प्लस

न्यूजबाइट्स प्लस

'प्रोजेक्ट 75' साल 2005 में शुरू किया गया था। इसके तहत 23,000 करोड़ रुपये में कलवरी श्रेणी की 6 पनडुब्बियां बनाने का करार फ्रांसीसी नेवल समूह के हुआ था। 2012 में पहली और 2017 तक सभी पनडुब्बियों को बनाया जाना था, लेकिन इस परियोजना में देरी हुई है। फिलहाल इस प्रोजेक्ट की सभी पनडुब्बियां नौसेना को मिल गई हैं। इनमें INS वागशीर, INS कलवारी, INS खंडेरी, INS करंज, INS वेला और INS वागीर शामिल हैं।