अग्निवीर भर्ती के नियमों में हो सकता है बड़ा बदलाव, सामने आई ये अहम जानकारी
अग्निपथ योजना के तहत होने वाली अग्निवीर भर्ती के नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब अग्निवीरों को 4 साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दोबारा काम करने का मौका मिल सकता है। संसद में पेश हुई रिपोर्ट के अनुसार, कार्यकाल समाप्त होने के बाद आपात परिस्थितियों में अग्निवीरों की सेवाएं ली जा सकती हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में निर्देश जारी हो सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय कर रहा है विचार
हाल ही में संसद में एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें सुझाव दिया गया था कि आपातकालीन परिस्थितियों में अग्निवीरों की सेवाएं लेने के लिए रक्षा मंत्रालय एक तंत्र स्थापित करे। चूंकि अग्निवीरों को 4 साल के कार्यकाल के दौरान बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है और वे युवा भी होते हैं। ऐसे में दोबारा सेवा के इच्छुक अग्निवीरों का डाटाबेस तैयार किया जाना चाहिए। फिलहाल रक्षा मंत्रालय इस पर विचार कर रहा है।
क्या है वर्तमान नियम?
मौजूदा नियम के मुताबिक, अग्निवीरों को 4 साल के लिए नियुक्ति दी जाती है। इस दौरान उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है। 4 साल के बाद 75 फीसदी अग्निवीरों को बाहर कर दिया जाता है और केवल 25 फीसदी अग्निवीरों को ही स्थायी किया जाता है। अगर नया बदलाव लागू होता है तो अग्निवीरों को काफी सुविधा मिलेगी। बता दें कि अग्निवीरों के पहले बैच ने साल 2023 में कार्य शुरू किया था।
कैसे होता है अग्निवीरों का चयन?
अग्निवीर भर्ती के तहत उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन, शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल टेस्ट के आधार पर किया जाता है। लिखित परीक्षा में अंग्रेजी, रीजनिंग, सामान्य जागरूकता के साथ संबंधित विषयों से सवाल पूछे जाते हैं। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षण होता है, जो विभिन्न सेनाओं के अनुसार अलग-अलग होता है। बता दें कि पहले लिखित परीक्षा अंतिम चरण के तौर पर निर्धारित थी, लेकिन नियमों में संशोधन कर इसे प्रारंभिक चरण बनाया गया।
अग्निवीरों को कितना वेतन मिलता है?
इस योजना के तहत थल सेना, वायुसेना और नौसेना में योग्य युवाओं की भर्ती की जाती है। पहले साल अग्निवीरों को 30,000 रुपये, दूसरे साल 33,000 रुपये, तीसरे साल 36,500 रुपये और चौथे साल में 40,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इस वेतन में से कुछ हिस्सा सेवानिधि के रूप में कटता है और अंत में सेवानिवृत्त उम्मीदवारों को 10 लाख से ज्यादा की राशि मिलती है। सेवा समाप्ति के बाद उम्मीदवार अन्य नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।