व्हाट्सऐप पर RSS के छह कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी, लखनऊ में केस दर्ज
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत दो राज्यों में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के छह कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। संघ के पदाधिकारी को व्हाट्सऐप पर ये धमकी मिली है। लखनऊ के मड़ियांव पुलिस स्टेशन में इस संबंध में FIR दर्ज की गई है और धमकी भरे मैसेज भेजने वाले नंबर को ट्रेस करके आरोपी को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। अभी तक किसी को हिरासत में नहीं लिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, RSS के एक पदाधिकारी को सोमवार लगभग 8 बजे एक अनजान नंबर से तीन व्हाट्सऐप मैसेज मिले। इन मैसेज में रात 8 बजे RSS के छह कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी और पदाधिकारी को इन धमाकों को रोकने की चुनौती दी गई। आरोपी ने तीन अलग-अलग भाषाओं, हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड़, में ये धमकी भरे मैसेज भेजे। व्हाट्सऐप पर अनजान नंबर के नीचे 'अल राज मोहम्मद बिन' करके नाम लिखा हुआ है।
कर्नाटक के चार और उत्तर प्रदेश के दो कार्यालयों को उड़ाने की धमकी
मैसेज में RSS के जिन कार्यालयों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है, उनमें चार कार्यालय कर्नाटक के हैं जहां हालिया समय में हिजाब और हलाल विवाद जैसे मुद्दों के कारण सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। बाकी दो कार्यालय उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें से एक कार्यालय लखनऊ के अलीगंज में स्थित है, वहीं दूसरा कार्यालय गोंडा जिले के नवाबगंज इलाके में स्थित है। मैसेज में सभी कार्यालयों का पूरा पता लिखा है।
पुलिस ने ली लखनऊ स्थित RSS कार्यालय की तलाशी, नहीं मिला बम
रिपोर्ट के अनुसार, धमकी मिलने के बाद पदाधिकारी ने RSS के बड़े पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस से संपर्क साधा गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस तत्काल अलीगंज स्थित RSS के सरस्वती शिशु मंदिर पहुंची और यहां संदिग्ध चीजों की तलाशी ली गई। परिसर में स्थित RSS के कार्यालय में एक ट्रेनिंंग शिविर लगा हुआ था और तलाशी के दौरान इसमें हड़कंप मच गया। तलाशी के दौरान यहां कोई बम नहीं मिला।
IT कानून के तहत मामला दर्ज, साइबर सेल के साथ मिलकर की जा रही जांच
RSS की अवध प्रांत के प्रमुख प्रोफेसर नीलकंठ तिवारी की शिकायत पर मामले में लखनऊ के मड़ियांव पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। थानाध्यक्ष के अनुसार, मामले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 507 और IT कानून की धारा 66 लगाई गई हैं। पुलिस व्हाट्सऐप नंबर की मदद से आरोपी को ट्रेस करने की कोशिश कर रही है। इसमें साइबर सेल की मदद ली जा ही है।