सबरीमाला मंदिर: केरल पुलिस का दावा- तीन मलेशियाई समेत 10 महिलाएं अब तक पहुंचीं मंदिर
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केरल पुलिस ने दावा किया है कि अब तक सबरीमाला मंदिर में 10 महिलाएं पहुंच चुकी हैं। दरअसल केरल पुलिस स्पेशल ब्रांच के वीडियो फुटेज में तमिल मूल की तीन मलेशियाई महिलाओं को 1 जनवरी को सबरीमाला में देखा गया था। ये तीनों महिलाएं बिंदु और कनकदुर्गा द्वारा भगवान अयप्पा के दर्शन से पहले मंदिर पहुंची थी।
पिछले सात दिनों में चार महिलाएं पहुंची सबरीमाला मंदिर- केरल पुलिस
केरल पुलिस की तरफ से दावा किया गया कि 1 जनवरी से अब तक मंदिर में 50 वर्ष से कम उम्र की चार महिलाओं के जाने की सूचना है। इसके साथ ही सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं की कुल संख्या 10 तक पहुंच चुकी है। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने इन महिलाओं के बारे में जानकारी भी इकट्ठा कर ली है, जिससे कोर्ट द्वारा कभी इनके बारे में पूछे जाने पर इन्हें कोर्ट में पेश किया जा सके।
मलेशियाई महिलाओं ने 1 जनवरी को सबरीमाला का दौरा किया- पुलिस सूत्र
वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के अनुसार, तमिल मूल की तीन मलेशियाई महिलाओं ने 1 जनवरी को सबरीमाला मंदिर का दौरा किया था। हालांकि जो विज़ुअल मिले हैं, वे पंबा के हैं। उस समय वे मंदिर से वापस लौट रही थीं। 14 सेकंड के इस वीडियो को मोबाइल कैमरा से रिकॉर्ड किया गया है, जिसमें तीन महिलाएं नज़र आ रहीं हैं। इन महिलाओं ने शॉल से अपने चेहरे को छिपाया हुआ है।
2 जनवरी को बिंदु और कनकदुर्गा मंदिर पहुंची- पुलिस सूत्र
पुलिस सूत्रों के अनुसार, 1 जनवरी को मलेशियाई ग्रुप सुबह जल्दी मंदिर पहुंचा था और पंबा से लगभग 10 बजे वापस लौट गया। अगली सुबह (2 जनवरी) को बिंदु और कनकदुर्गा मंदिर पहुंची। उनकी और साथ में मौजूद सादी वर्दी में पुलिसवालों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई हैं। एक अन्य पुलिस सूत्र के मुताबिक, जो लोग महिलाओं के मंदिर में जाने की बात कर रहे हैं वे उनके दर्शन करने की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
जानिए कैसे शुरू हुआ था विवाद
2006 में मंदिर के मुख्य ज्योतिषि परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने कहा था कि मंदिर में स्थापित भगवान अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं। ज्योतिषि ने बताया, दरअसल भगवान अयप्पा मंदिर में किसी युवा महिला के प्रवेश से नाराज हैं। इसके बाद ही कन्नड़ अभिनेता प्रभाकर की पत्नी जयमाला ने दावा किया था कि उन्होंने अयप्पा की मूर्ति को छुआ है और उनकी वजह से भगवान अयप्पा नाराज़ हुए। उन्होंने कहा था कि वह इसका प्रायश्चित भी करना चाहती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थी याचिका
जयमाला के दावे पर केरल में हंगामा होने के बाद मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित होने के मुद्दे पर लोगों का ध्यान गया। 2006 में राज्य के यंग लॉयर्स असोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की। इसके बावजूद अगले 10 साल तक महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश का मामला लटका रहा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस परंपरा पर रोक लगाते हुए मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी।
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