महिलाओं के प्रवेश पर छिड़े विवाद के बीच चार ट्रांसजेंडर्स ने सबरीमाला मंदिर में की पूजा
क्या है खबर?
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर छिड़े विवाद के बीच मंगलवार को चार ट्रांसजेंडर्स ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए।
उन्होंने भारी पुलिसबल के साथ मंदिर में पूजा की। दर्शन करने वाले ट्रांसजेंडर्स के नाम अनन्या, तृप्ति, रंजुमोल और अवंतिका है।
इन्होंने काली साड़ी पहनकर भगवान को प्रसाद चढ़ाया। पुलिस भारी सुरक्षा के बीच इन्हें मंदिर लेकर गई।
बता दें, कई संगठन काफी समय से मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
मुलाकात
DGP और IG से मुलाकात के बाद किए दर्शन
दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि वे मंदिर में पूजा कर काफी खुश हैं।
दर्शन करने से एक दिन पहले इन चारोें ने राज्य के DGP, केरल हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त किए गए निरीक्षक पैनल और IG से मुलाकात की थी।
इससे पहले पुलिस ने मंदिर में इनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी। पुलिस का कहना था कि उसे इस मामले पर कानूनी राय का इंतजार है।
हालांकि, मंदिर में अभी तक महिलाओं का प्रवेश नहीं हो पाया है।
जानकारी
ब्रह्मचारी माने जाते हैं सबरीमाला मंदिर में स्थापित भगवान अयप्पा
सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा की पूजा की जाती है। भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी माना जाता है।
मान्यता है कि माहवारी वाली महिला के संपर्क में आते ही अयप्पा की शक्ति कम हो जाती है।
इस कारण मंदिर में 10 से 50 साल तक की उम्र वाली महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी थी।
इसके खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
विवाद
कन्नड़ अभिनेत्री के दावे से यह विवाद बना बवंडर
मौजूदा विवाद की शुरुआत साल 2006 में तब हुई जब मंदिर के मुख्य ज्योतिष परप्पनगडी उन्नीकृष्णन ने दावा किया कि किसी महिला के संपर्क में आने से भगवान अयप्पा अपनी ताकत खो रहे हैं।
इसके बाद कन्नड़ अभिनेत्री जयमाला ने दावा किया कि साल 1987 में जब वह अपने पति अभिनेता प्रभाकरण के साथ सबरीमाला गई थी, तब भीड़ के दवाब में गर्भगृह तक पहुंच गई थी।
तब जयमाला ने दावा किया कि उन्होंने अयप्पा की मूर्ति को छुआ था।
मामला
अभिनेत्री के दावे के साथ सुप्रीम कोर्ट में आया मामला
जयमाला के इस दावे के बाद केरल में बड़ा हंगामा हुआ। महिलाओं के प्रवेश पर लगे सालों पुराने प्रतिबंध के खिलाफ केरल के 'यंग लॉयर्स एसोसिएशन' ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद भी महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी लगी रही।
सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर, 2017 को अपना रुख जाहिर करते हुए कहा कि वह सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के पक्ष में है।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं की जीत पर लगाई मुहर
विवाद पर 28 सितंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया, कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी।
अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि, हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी।
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा था कि हमारी संस्कृति में महिलाओं को आदरणीय स्थान हासिल है। ऐसे में उन्हें किसी परंपरा के तहत मंदिर में प्रवेश से रोकना कानूनन गलत होगा।