कोरोना वायरस: जिला प्रशासन को हर अंतिम संस्कार के लिए 5,000 रुपये देगी असम सरकार
क्या है खबर?
देश में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण अब लोगों में इसका काफी हद तक डर बैठ गया है।
कई जगहों पर मौत होने के बाद परिजन डर के चलते अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं तो कई जगहों पर आर्थिक तंगी के कारण लोग अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं।
असम सरकार ने परिजनों के शव नहीं लेने की सूरत में अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन को 5,000 रुपये देने का निर्णय किया है।
कारण
अंतिम संस्कार को लेकर उपायुक्त ने उठाया था मुद्दा
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समीर सिन्हा द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि उपायुक्त ने अंतिम संस्कार का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने कहा था कि कई लोग शव लेने से इनकार कर देते हैं तो कुछ आर्थिक कारणों से नियमानुसार अंतिम संस्कार नहीं कर पाते हैं। ऐसे में सरकार ने ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार के लिए संबंधित जिला प्रशासन को 5,000 रुपये की मदद का निर्णय किया है।
क्वारंटाइन
96 घंटे में राज्य में वापस आने पर नहीं होना पड़ेगा क्वारंटाइन
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य से राज्य से बाहर जाता है और 96 घंटे में वापस आता है तो उसे कुछ शर्तों के साथ 10 दिन के अनिवार्य क्वारंटाइन में नहीं रहना पड़ेगा।
इसी तरह बाहर से राज्य में आने वाले लोगों का एंटीजन टेस्ट किया जाएगा और यदि वह संक्रमित पाया जाता है तो उसे आवश्यक रूप से कोरोना अस्पताल या घर पर क्वारंटाइन रहना होगा।
जानकारी
एंटीजन में निगेटिव आने वालों का होगी RT-PCR टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एंटीजन टेस्ट में निगेटिव आने वालों का RT-PCR टेस्ट किया जाएगा। इसमें संक्रमित मिलने पर उसे क्वारंटाइन रहने के साथ उपचार लेना होगा। रिपोर्ट आने तक व्यक्ति को आवश्यक रूप से अपने घर में क्वारंटाइन रहना होगा।
संक्रमण
भारत और असम में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 96,551 नए मामले सामने आए और रिकॉर्ड 1,209 की मौत हुई है।
देश में कुल मामलों की संख्या 45,62,414 हो गई है, वहीं 76,271 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या 9,43,480 है।
इसी तरह असम में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1.33 लाख के पार पहुंच गई है। इनमें से अब तक 396 की मौत हो गई और 1.04 लाख मरीज उपचार के बाद ठीक हो गए।