तमिलनाडु: महिला IPS के यौन उत्पीड़न के दोषी पूर्व पुलिस प्रमुख को 3 साल की जेल
तमिलनाडु के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) राजेश दास को साथी महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न के मामले में 3 साल कैद की सजा सुनाई गई है। शुक्रवार को विल्लपुरम की एक कोर्ट ने निलंबित IPS अधिकारी को महिला अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का दोषी ठहराया और उन्हें 3 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
क्या था मामला?
फरवरी, 2021 में एक महिला IPS अधिकारी ने पूर्व DGP दास के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। IPS अधिकारी का आरोप था कि उनके वरिष्ठ अधिकारी ने उस वक्त उनका यौन शोषण किया था, जब वह तत्कालीन मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी की सुरक्षा के लिए गश्ती ड्यूटी के दौरान एक साथ यात्रा कर रहे थे। इस मामले में तत्कालीन AIADMK सरकार ने दास को निलंबित कर दिया था और जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया था।
कौन हैं IPS दास?
राजेश दास 1989 बैच के IPS अफसर हैं। तमिलनाडु के ही एक निजी संस्थान से ग्रेजुएशन करने वाले दास के पिता का नाम प्राणनाथ दास था। वह रिटायर हो चुके हैं।
मद्रास हाई कोर्ट ने लिया था मामले का स्वत: संज्ञान
मद्रास हाई कोर्ट ने 2021 में इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया था। मामले को चौंकाने वाला बताते हुए उन्होंने कहा था कि यह घटना तमिलनाडु पुलिस से संबंधित महिला अधिकारियों को प्रभावित करेगी। कोर्ट ने इस घटना की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यह असाधारण मामला है, जिसकी जांच की निगरानी की आवश्यकता है। कोर्ट के आदेश के बाद तमिलनाडु सरकार ने अधिकारी को निलंबित कर दिया था।
IPS दास के खिलाफ 68 गवाहों ने दिए थे बयान
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चेंगलपट्टू के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डी कन्नन पर भी 500 रुपये का जुर्माना लगाया था। उन पर पीड़िता की शिकायत को रोकने की कोशिश का आरोप था। सुनवाई के बाद अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, "IPS दास के खिलाफ अभियोजन ने 68 गवाहों के बयान दर्ज किए थे, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। कोर्ट ने दास को तत्काल जमानत के लिए अपील करने की छूट दी है।"
2021 में बना था चुनावी मुद्दा
2021 तमिलनाडु चुनाव से पहले यह मामला एक चुनावी मुद्दा बन गया था। उस वक्त मामले को तूल पकड़ता देख सत्तारूढ़ AIADMK सरकार ने दास के निलंबन के बाद जयंत मुरली को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) नियुक्त किया था। तब विपक्ष के तत्कालीन नेता और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख एमके स्टालिन ने सत्ता में आने पर उचित कानूनी प्रक्रिया और सजा का आश्वासन दिया था। स्टालिन वर्तमान में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं।