Page Loader
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी को 'मियां-टियां' या 'पाकिस्तानी' कहना गलत, लेकिन अपराध नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- किसी को 'मियां-टियां' या 'पाकिस्तानी' कहना गलत, लेकिन अपराध नहीं

लेखन गजेंद्र
Mar 04, 2025
01:28 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में फैसले सुनाते हुए कहा कि किसी को 'मियां-टियां' या 'पाकिस्तानी' कहना भले ही गलत है, लेकिन यह अपराध के दायरे में नहीं आता। जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने एक सरकारी कर्मचारी को 'पाकिस्तानी' कहने के मामले में आरोपी को राहत देते हुए कहा कि मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के तहत अपराध नहीं बनता है।

सुनवाई

कोर्ट ने मामला बंद किया

कोर्ट ने मामले में 11 फरवरी को अपना फैसला दिया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, "निस्संदेह, दिया गया बयान खराब है। हालांकि, इससे सूचना देने वाले की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचती। इसलिए, हमारा मानना ​​है कि अपीलकर्ता को IPC की धारा 298 के तहत भी आरोपमुक्त किया जाना चाहिए।" कोर्ट ने आगे कहा कि IPC की धारा 504 लागू नहीं होती, क्योंकि आरोपी की ओर से ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया, जिससे शांति भंग हो।

विवाद

क्या है मामला?

मामला झारखंड के चास में एक उर्दू अनुवादक और कार्यवाहक क्लर्क (सूचना का अधिकार) की शिकायत से जुड़ा है। शिकायतकर्ता क्लर्क ने बताया कि वह अपीलीय प्राधिकारी के आदेश के बाद आरोपी अपीलकर्ता हरि नंदन सिंह के पास व्यक्तिगत जानकारी देने गया था। इस दौरान आरोपी ने उसके धर्म का हवाला देकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया, अपशब्द कहे और उसके आधिकारिक कामकाज को रोकने के लिए आपराधिक बल का उपयोग किया। इसके बाद शिकायतकर्ता क्लर्क ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

जानकारी

झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था आरोपी

मजिस्ट्रेट ने धारा 353, 298 और 504 के तहत आरोप तय किए, जबकि साक्ष्य के अभाव में धारा 323-506 के तहत आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बाद सिंह झारखंड हाई कोर्ट पहुंचे। यहां भी सिंह आरोपमुक्त नहीं हुए, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।