सुप्रीम कोर्ट ने संभल में जामा मस्जिद के पास स्थित कुएं को खोलने पर लगाई रोक
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के पास स्थित कुएं को खोलने पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है।
हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि मस्जिद के अलावा दूसरे लोग कुएं का इस्तेमाल कर सकते हैं, इस पर कोई रोक नहीं है।
कोर्ट ने ये फैसला जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया है।
आदेश
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने आदेश दिया कि संभल नगर पालिका परिषद द्वारा दिसंबर, 2024 में जारी किए गए नोटिस पर रोक रहेगी। इस नोटिस में कुएं की सफाई, संपत्ति की जांच और मस्जिद के बाहरी हिस्से को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोलने की बात कही गई थी।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने कोर्ट की अनुमति के बिना कुएं के संबंध में कोई कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया है।
दलील
कोर्ट में क्या-क्या दलीलें पेश की गईं?
मस्जिद समिति की ओर से पेश हुए वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि नगर पालिका के नोटिस में मस्जिद को हरि मंदिर कहा गया है, इस वजह से कुएं का उपयोग पूजा, स्नान आदि के लिए शुरू हो सकता है।
वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन ने दलील दी कि कुआं मस्जिद के बाहर था और यह विशेष अनुमति याचिका का विषय नहीं हो सकता, जो ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश के खिलाफ है।
याचिका
मस्जिद समिति ने दाखिल की थी याचिका
9 जनवरी को मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि जिला प्रशासन पुराने मंदिर और कुओं की तलाश में जुटा हुआ है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना कुएं की जांच नहीं होनी चाहिए।
मस्जिद समिति ने मांग की कि जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए जाएं कि प्रशासन शांति और सौहार्द स्थापित करने के लिए कदम उठाए।
मामले पर अगली सुनवाई अब 21 फरवरी को होगी।
हिंसा
मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी।
दरअसल, हिंदू पक्ष का दावा है कि मोहल्ला कोट स्थित जामा मस्जिद की जगह पर पहले श्री हरिहर मंदिर था।
इस संबंध में 19 नवंबर को हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट में वाद दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था।
24 नवंबर को दूसरे सर्वे के दौरान यहां हिंसा भड़क गई, जिसमें 5 लोग मारे गए थे।