शाहीन बाग: प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच किसी दूसरी जगह पर होगी बातचीत
क्या है खबर?
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों और सुप्रीम कोर्ट के नियुक्त किए वार्ताकारों के बीच शुक्रवार को फिर से बातचीत होगी।
प्रदर्शनकारियों से बात कर रास्ता खुलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्त किया है। अभी तक ये दोनों दो बार शाहीन बाग आ चुके हैं।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को होने वाली बातचीत शाहीन बाग के अलावा किसी दूसरी जगह पर हो सकती है।
बातचीत
मीडिया की गैर-मौजूदगी में बातचीत चाहते हैं वार्ताकार
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, मध्यस्थ चाहते हैं कि प्रदर्शनकारियों और वार्ताकारों के बीच ऐसी जगह बातचीत हो जहां मीडिया मौजूद न हो। शुक्रवार को ऐसी ही किसी जगह पर बातचीत होने की संभावना है। हालांकि, यह जगह कौन सी होगी, इस पर स्थिति साफ नहीं है।
अभी तक हुई दो बार की बातचीत में कोई साफ रास्ता नहीं निकल सका है। प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में डटे रहने की बात पर अड़े हैं।
सुनवाई
मांग जायज तो भी रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं- कोर्ट
सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वार्ताकारों को नियुक्त किया था।
कोर्ट ने कहा था कि लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है और कोर्ट अधिकारों की रक्षा के खिलाफ नहीं है। असली समस्या ट्रैफिक को लेकर है। कोर्ट ने पूछा कि हर कोई अपनी मांग को लेकर सड़क पर उतरने लगा तो क्या होगा?
कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के वकील से कहा कि अगर आपकी मांग जायज भी है तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं।
मध्यस्थता
मंच से बात करना उपदेश देने के बराबर- हेगड़े
वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि वह मंच पर खड़े होकर शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात नहीं करना चाहिए। ऐसा करना प्रदर्शनकारी महिलाओं को उपदेश देने के बराबर होगा।
वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी रखने की मांग पर अड़े प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार नागरिकता कानून और प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) को वापस ले लेती है तो वे न सिर्फ रास्ता खोल देंगे बल्कि यहां सफाई भी करेंगे।
मध्यस्थता
गुुरुवार को प्रदर्शनकारियों से क्या बोले वार्ताकार?
गुरुवार को प्रदर्शनकारी दूसरी बार शाहीन बाग पहुंचे थे। उन्होंने यहां मौजूद लोगों से कहा कि वो भी चाहते हैं कि शाहीन बाग का मुद्दा बरकरार रहे। प्रदर्शनकारी यहां से हटकर शाहीन बाग इलाके में ही किसी दूसरी जगह शिफ्ट हो जाएं।
रामचंद्रन ने कहा, "अगर हम चाहते हैं कि हम देश को दिखा दें कि हम अच्छे नागरिक हैं, सच्चे नागरिक हैं। इसका हल निकले, शाहीन बाग बरकरार रखते हुए हल निकले तो इससे अच्छी बात नहीं होगी।"
जानकारी
मामला फिर सुप्रीम कोर्ट गया तो कोई चारा नहीं- रामचंद्रन
रामचंद्रन ने आंदोलकारियों को समझाया कि अगर बात नहीं बनी तब मामला फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगा। उन्होंने कहा, "पूरी कोशिश के बाद भी हल नहीं निकला तो मामला फिर सुप्रीम कोर्ट जाएगा, तब हमारे पास कोई चारा नहीं रहेगा। फिर सरकार जो चाहेगी, वह करेगी।"
प्रदर्शन
शाहीन बाग में क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं हैं और ये शाहीन बाग में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क पर जमे हुई हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती वो यहां से हटेंगे नहीं। सरकार ने कई मौकों पर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की बात कही है, लेकिन अभी तक बात नहीं हो पाई है।