राकेश भदौरिया ने संभाला वायुसेना प्रमुख का पदभार, बोले- गेम चेंजर साबित होगा राफेल

एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया ने सोमवार को भारतीय वायुसेना के 26वें प्रमुख का पदभार संभाला। इस मौके पर समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राफेल विमान भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर साबित होगा और भारत इसकी मदद से चीन और पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा। बीरेंद्र सिंह धनोआ के रिटायर होने के बाद पदभार संभालने वाले भदौरिया ने सोमवार सुबह नेशनल वॉर मेमोरियल का दौरा किया। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
भदौरिया ने कहा वायुसेना मौजूदा दौर की सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वायुसेना बालाकोट जैसी और एयरस्ट्राइक के लिए तैयार हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत पहले भी तैयार था और आगे भी तैयार रहेगा। भदौरिया ने कहा, "हम हर खतरे और खतरे के लिए तैयार हैं।" पाकिस्तान की तरफ से परमाणु हमले की धमकी पर उन्होंने कहा, "हमारी अपनी समझ है। हम अपनी योजना के हिसाब से काम करेंगे।"
Delhi: Chief of Air Staff, Air Chief Marshal Rakesh Kumar Singh Bhadauria pays tribute at the National War Memorial after taking charge as the IAF Chief, today. pic.twitter.com/SjQfN43o8W
— ANI (@ANI) September 30, 2019
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा उन्हें इस बात की जानकारी है कि पाकिस्तान बालाकोट में आतंकी कैंपों को फिर से शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा अगर जरूरत पड़ी तो भारत कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
देश के 26वें वायुसेना प्रमुख बनने जा रहे भदौरिया ने बांग्लादेश के 'कमांड एंड स्टाफ कॉलेज' से डिफेंस स्टडीज में मास्टर डिग्री हासिल की है। वह पुणे की राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) से प्रशिक्षित हैं। भदौरिया 15 जून, 1980 को 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' सम्मान के वायुसेना में शामिल हुए थे। इसके बाद लगभग 40 सालों की सेवा में वह 4,250 घंटे से अधिक विमान उड़ा चुके हैं। उन्हें 26 तरह के लड़ाकू और परिवहन विमान उड़ाने का अनुभव है।
उनकी सेवा के दौरान भदौरिया को वायुसेना में कई अहम जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं। वह मार्च 2017 से जुलाई 2018 तक दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पद पर रहे। इसके बाद अगस्त 2018 में वायुसेना की प्रशिक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर उनकी नियुक्ति की गई। मई 2019 में उनका प्रमोशन करके उन्हें एयर वाइस चीफ मार्शल बना दिया गया और अब वह अगले वायुसेना प्रमुख होंगे।
भदौरिया फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे की बातचीत में अहम किरदार निभा चुके हैं और उन्होंने भारतीय दल की अध्यक्षता की थी। यही नहीं, भदौरिया उन चंद वायुसेना पायलटों में शामिल हैं जो राफेल विमान उड़ा चुके हैं। वह भारत के अपने लड़ाकू विमान 'तेजस' की परियोजना के निदेशक भी रहे हैं। उन्होंने चीफ टेस्ट पायलट के तौर पर तेजस की टेस्ट फ्लाइट में भी हिस्सा लिया था।
सेवा के दौरान भदौरिया को 2002 में वायुसेना मेडल, 2013 में अति विशिष्ट सेवा मेडल और 2018 में परम विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं, जनवरी 2019 में उन्हें युद्धभूमि में राष्ट्राध्यक्ष के सहायक की मानद उपाधि से नवाजा गया था।
फ्रांस से हुए राफेल समझौते के तहत भारत का पहला राफेल विमान मिल गया है। 20 सितंबर को उप वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने लगभग एक घंटे तक विमान में उड़ान भरी। आगामी 8 अक्तूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस में होंगे और आधिकारिक तौर पर भारत के लिए इन विमानों को रिसीव करेंगे। परमाणु हथियार ढोने समेत राफेल विमान 1900 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है।