
पुणे पोर्शे मामला: आरोपी किशोर के पिता की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज की
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में पुणे की एक कोर्ट ने पोर्शे कार हादसा मामले में आरोपी किशोर चालक के पिता विशाल अग्रवाल की अस्थायी जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी है। अग्रवाल ने अपनी 79 वर्षीय मां की स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केपी क्षीरसागर ने सुनवाई करते हुए कहा कि अपराध की प्रकृति और गवाहों के साथ छेड़छाड़ की आशंका को देखते हुए इस स्तर पर जमानत देने का कोई आधार नहीं है।
सुनवाई
याचिकाकर्ता ने कहा था कि मां को उनकी जरूरत है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिल्डर अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि उनकी मां एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और उनकी रीढ़ की सर्जरी होनी है। उन्होंने दावा किया कि सर्जरी से पहले और बाद में मां को उनकी जरूरत है। हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इस दलील का विरोध किया। विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरय ने तर्क दिया कि सर्जरी योजनाबद्ध थी, जिसकी तत्काल आवश्यकता नहीं। उन्होंने कहा कि बीमारी उम्र से संबंधित है, जो जीवन के लिए खतरा नहीं।
फैसला
कोर्ट ने कहा, जमानत की कोई जरूरत नहीं
अभियोजक पक्ष ने कहा कि याचिकाकर्ता की मां के दस्तावेज 7 जुलाई के हैं और जमानत याचिका अगले दिन दायर की गई थी, जिससे पता चलता है कि दस्तावेज जमानत के लिए बनाए गए हैं। अभियोजक पक्ष ने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता, बहन, पत्नी, बेटा, बहनोई उनकी मां की देखभाल कर सकते हैं। कोर्ट ने सहमति जताते हुए कहा कि अग्रवाल की मां की देखभाल के लिए परिवार के अन्य सदस्य उपलब्ध हैं और उनकी हालत गंभीर नहीं है।
विवाद
क्या है पुणे पोर्शे हादसा मामला?
19 मई, 2024 को पुणे के कल्याणी नगर में रात ढाई बजे पोर्शे कार से नाबालिग ने बाइक सवार महिला-पुरुष को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। मामले में नाबालिग आरोपी को कोर्ट ने सिर्फ निबंध लिखने की सजा दी, जिसका खूब विरोध हुआ। इसके बाद आरोपी की जमानत रद्द हुई। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने राहत दी। मामले में किशोर के पिता, डॉक्टर अजय टावरे, श्रीहरि हलनोर, अस्पताल कर्मचारी अतुल घाटकांबले और दो बिचौलिए जेल में हैं।