
फिलिस्तीन को लेकर UN में अहम बैठक, भारत ने इजरायल के विरोध में कही ये बात
क्या है खबर?
दशकों से चल रहे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद के स्थायी समाधान और वर्तमान संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक उच्च स्तरीय सम्मेलन हुआ। फ्रांस और सऊदी अरब की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में 193 सदस्य देशों में से ज्यादातर ने हिस्सा लिया। हालांकि, अमेरिका और इजरायल ने इसका विरोध किया और सम्मेलन से दूरी बनाई। वहीं, भारत ने भी सम्मेलन में हिस्सा लिया और विवाद पर अपना पुराना रुख दोहराया।
भारत
भारत ने कहा- द्विराष्ट्र सिद्धांत ही एकमात्र समाधान
भारत ने कहा, "हमारे फिलिस्तीनी भाई-बहनों के जीवन में बदलाव लाने के लिए ईमानदार और व्यावहारिक प्रयास जरूरी हैं। इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष को रोकने की कोशिश कर रहे देशों को अब बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर चलना चाहिए। यह बातचीत द्विराष्ट्र सिद्धांत पर केंद्रित होनी चाहिए। किसी को कागजी समाधान से संतुष्ट नहीं होना चाहिए, बल्कि व्यव्हारिक समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। द्विराष्ट्र सिद्धांत के अलावा समाधान का कोई और विकल्प नहीं है।"
चिंता
भारत ने गाजा के हालात पर जताई चिंता
इजरायल की नाकेबंदी के बाद गाजा पट्टी में भुखमरी के हालात हैं। भारत ने इस पर चिंता जताई है। भारत ने कहा, "गाजा में मानवीट संकट लगातार जारी है और हजारों लोग मर गए हैं। गाजा में फिलिस्तीनियों को बगैर किसी रुकावट के भोजन, ईंधन और अन्य बुनियादी सामान मिलना चाहिए। मानवीय सहायता जीवन को बनाए रखने में अहम है और इसे राजनीति या संघर्ष के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए।"
अन्य देश
सम्मेलन में अन्य देशों ने क्या कहा?
UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ये सम्मेलन सिर्फ अच्छी नीयत वाला एक और भाषण मंच बनकर नहीं रहना चाहिए। रूस ने भी द्विराष्ट्र सिद्धांत का समर्थन करते हुए कहा कि उसने सबसे पहले इजरायल के साथ फिलिस्तीन को भी मान्यता दी थी। UAE ने एक स्पष्ट रोडमैप की मांग की, जो आजाद और संप्रभु फिलिस्तीन राज्य की ओर ले जाए। सम्मेलन में पहली बार अरब देशों ने हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले की निंदा की।
भारत का रुख
फिलिस्तीन विवाद पर क्या रहा है भारत का रुख?
भारत हमेशा से फिलिस्तीन के अधिकारों का समर्थन करता रहा है। भारत फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन (PLO) को भी मान्यता देता है। पिछले साल मई में भारत ने UN में कहा था, "भारत द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीनी लोग इजरायल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रहने में सक्षम हैं।" भारत फिलिस्तीन को UN सदस्य बनाने का भी समर्थन करता रहा है।
प्लस
क्या है द्विराष्ट्र सिद्धांत?
द्विराष्ट्र समाधान 2 राज्यों की स्थापना कर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को हल करने की एक प्रस्तावित रूपरेखा है। इसके तहत जॉर्डन नदी और भूमध्य सागर के बीच की भूमि को विभाजित करके 2 स्वतंत्र, संप्रभु इजरायली और फिलिस्तीनी राज्यों को अगल-बगल में स्थापित करना है। 1993 में इजरायल और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन (PLO) ने ओस्लो समझौते के हिस्से के रूप में इस समाधान को लागू करने की योजना पर सहमति व्यक्त की थी।