भारत में हर साल 7.4 करोड़ टन भोजन की बर्बादी, कुल खाद्यान्न उत्पादन का 22 प्रतिशत
दिल्ली में चल रही अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान दक्षिण एशियाई क्षेत्र में खाने की बर्बादी को लेकर कुछ आकंड़े साझा किए गए, जिसमें पता चला कि भारत हर साल 7.4 करोड़ टन भोजन बर्बाद करता है। यह बर्बादी 2022-23 में देश में खाद्यान्न उत्पादन का 22 प्रतिशत है। ये वैश्विक खाद्य बर्बादी का 8 प्रतिशत है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों ने देश में खाद्य हानि के आंकड़ों को कार्यशाला में साझा किया।
भारत में प्रति व्यक्ति कितना भोजन हो रहा बर्बाद?
कार्यशाला के दौरान संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया कि घरेलू स्तर पर भारत में प्रति व्यक्ति 50 किलोग्राम भोजन की बर्बादी होती है, जो दक्षिण एशिया में सबसे कम है। अन्य देशों की बात करें तो ब्रिटेन में 77 किलोग्राम, जर्मनी में 75 किलोग्राम, जापान में 64, अमेरिका में 59 और पाकिस्तान में 79 किलोग्राम भोजन प्रति व्यक्ति घरेलू स्तर पर बर्बाद हो रहा है। सबसे अधिक भोजन की बर्बादी घरेलू स्तर पर है।
भोजन बर्बादी का क्या है कारण?
वैश्विक स्तर पर प्रति व्यक्ति हर साल 121 किलोग्राम भोजन बर्बाद होता है, जिसमें से 74 किलोग्राम घरों में होता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि फसल होने के बाद उसके नुकसान और भोजन की बर्बादी के कारण हर देश में उसकी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग है। उन्होंने बताया कि भोजन की बर्बादी काफी हद तक भंडारण की अवधि, फसल और वस्तु, जलवायु, तकनीकी हस्तक्षेप, मानव व्यवहार और परंपराओं पर निर्भर करती है।