राजस्थान विधानसभा में अधिवक्ता संरक्षण विधेयक पारित, जानिए इसमें क्या-क्या प्रावधान हैं
क्या है खबर?
राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर एक कानून पारित करके इतिहास रचा है।
राजस्थान सरकार ने बुधवार को विधानसभा में ध्वनि मत से अधिवक्ता संरक्षण विधेयक को पारित किया।
इस विधेयक को अब कानून के रूप में जल्द लागू किया जाएगा। इसे 'राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम 2023' के नाम से जाना जाएगा।
आइये अधिवक्ता सरंक्षण विधेयक में शामिल किए गए प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
उद्देश्य
अधिवक्ता संरक्षण विधेयक का क्या उद्देश्य है?
राजस्थान अधिवक्ता संरक्षण विधेयक का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और उनकी संपत्ति के नुकसान को रोकना है।
विधेयक की धारा 3 के मुताबिक, राज्य में एक अधिवक्ता के खिलाफ हमला, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी जैसा कोई भी अपराध अधिनियम के तहत अपराध माना जाएगा, अगर ऐसा कोई कार्य अधिवक्ता के साथ कर्तव्यों का पालन करते समय या कोर्ट परिसर में घटित हुआ है।
जानकारी
विधेयक की धारा 4 में पुलिस सुरक्षा का प्रावधान
इस विधेयक की धारा 4 में कहा गया है कि अगर कोई अधिवक्ता धारा 3 में बताए गए किसी अपराध के बारे में पुलिस से शिकायत करता है तो अगर पुलिस को लगे कि अधिवक्ता को खतरा है तो वह उसे सुरक्षा प्रदान करेगी।
सजा
अधिवक्ता संरक्षण विधेयक में क्या है सजा का प्रावधान?
अधिवक्ता संरक्षण विधेयक की धारा 5 के तहत सजा का प्रावधान किया गया है। धारा 5(1) के अनुसार, एक अधिवक्ता के खिलाफ हमला या गैरकानूनी बल का प्रयोग करने पर 2 साल तक की जेल और 25,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
इसके अलावा धारा 5 (2) में आरोपी द्वारा एक अधिवक्ता को गंभीर चोट पहुंचाने पर अधिकतम 7 साल की कैद और 50,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक
अधिवक्ता संरक्षण विधेयक के दुरुपयोग पर भी सजा का प्रावधान
अधिवक्ता संरक्षण विधेयक की धारा 5(3) में अधिवक्ता को धमकी देने के अपराध में अधिकतम 2 साल की कैद और 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा धारा 6 में कहा गया है कि कोई भी अपराध 'संज्ञेय' होगा, जिसका मतलब है कि आरोपी को जांच अधिकारी द्वारा बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकता है।
विधेयक की धारा 11 के तहत इस कानून का दुरुपयोग करने पर 2 साल तक की कैद का प्रावधान है।
क्यों
राजस्थान में अधिवक्ता सरंक्षण विधेयक की जरूरत क्यों?
18 फरवरी को राजस्थान के जोधपुर में दिनदहाड़े दो लोगों ने 48 वर्षीय अधिवक्ता जुगराज चौहान की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद से अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार शुरू कर दिया।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सरकार से अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी राजस्थान सरकार से एक कानून पारित करने का आग्रह किया था।