बालासोर हादसे वाले क्षेत्र की पटरियों की गहन जांच करेगा रेलवे, 370 करोड़ रुपये होंगे खर्च
भारतीय रेलवे ने दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में सभी रेल पटरियों की गहनता से जांच करने के लिए 370 करोड़ रुपये खर्च करने का फैसला किया है। 2 जून को ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण हादसे के बाद यह कदम उठाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे द्वारा जारी एक टेंडर से पता चला है कि इस परियोजना के तहत दक्षिण-पूर्वी रेलवे के सभी ब्रॉड गेज मार्गों पर रेल लाइनों की गहनता से जांच की जाएगी।
जांच के 150 से अधिक मशीनों का होगा उपयोग
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कार्य को पूरा करने के लिए 150 से अधिक गिट्टी सफाई मशीनों (BSM) का उपयोग किया जाएगा, जो रेल लाइन के लचीलेपन में सुधार और जल निकासी को बहाल करने के साथ ही उन्हें स्थिरता भी प्रदान करेंगी। इस कार्य के दौरान रेल लाइन के किनारे बिछी गिट्टियों को अन्य मशीनों की सहायता से बदला जाएगा और रेल लाइन को जोड़ने वाली फिश प्लेट्स की सर्विसिंग भी की जाएगी।
कार्ययोजना को लेकर क्या कहते हैं अधिकारी?
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक सामान्य मरम्मत और सुरक्षा से संबंधित कार्य है, जो समय-समय पर रेलवे द्वारा रेल पटरियों की जांच, सुरक्षा और उनके रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वक्त दक्षिण-पूर्वी रेलवे का यह टेंडर इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बालासोर में हुई रेल दुर्घटना के बाद रेलवे सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
ट्रेन हादसे की CRS और CBI कर रही हैं जांच
बता दें कि दक्षिण-पूर्वी रेलवे क्षेत्र में ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना की जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के साथ-साथ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से यह भीषण रेल हादसा हुआ था। मामले में ओडिशा पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की है।
बालासोर ट्रेन हादसे में हुई थी 280 से अधिक लोगों की मौत
2 मई की शाम हावड़ा से आ रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के पास मुख्य लाइन की जगह लूप लाइन में चली गई थी। इसका इंजन लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी पर चढ़ गया था और पीछे की कुछ बोगियां विपरीत दिशा के ट्रैक पर चली गईं। इस ट्रैक पर हावड़ा-बेंगलुरू एक्सप्रेस आ रही थी, जिसके पिछले डिब्बे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गए थे। इस हादसे में 280 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।