किसान नेता की भूख हड़ताल: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 2 जनवरी तक समय दिया
क्या है खबर?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले 36 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
इस दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट से कहा कि अगर केंद्र सरकार किसानों से बातचीत कर लें तो किसान नेता दल्लेवाल चिकित्सा सहायता लेने को राजी हो सकते हैं।
इस पर कोर्ट ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया और अपने आदेश के अनुपालन को कहा।
सुनवाई
कोर्ट में क्या हुआ?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और सुधांशु धूलिया की पीठ पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ दल्लेवाल को चिकित्सा सहायता देने के आदेश का पालन नहीं करने के लिए अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
कोर्ट ने पंजाब सरकार को दल्लेवाल को इलाज मुहैया कराने को कहा था और 31 दिसंबर को जवाब मांगा था।
मंगलवार को हुई सुनवाई में सरकार ने आदेश के अनुपालन के लिए 2 जनवरी तक समय और मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
हड़ताल
26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं दल्लेवाल
किसानों की मांगों को लेकर दल्लेवाल 26 नवंबर से हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद भी उन्होंने अस्पताल जाने से मना कर दिया और इलाज से भी इंकार किया, जिससे पंजाब सरकार की चिंता बढ़ गई।
28 दिंसबर को सुप्रीम कोर्ट ने दल्लेवाल को अस्पताल न ले जाने पर सरकार को फटकार लगाई। हालांकि, सरकार ने कहा था कि उसे किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
विरोध
किसानों ने किया था बंद का ऐलान
पंजाब के किसानों ने दल्लेवाल के समर्थन में सोमवार को बंद का ऐलान किया था, जिसका काफी असर दिखा।
सुबह 7 से शाम 4 बजे तक राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 250 से अधिक सड़कों पर किसानों ने विरोध-प्रदर्शन किया।
रेलवे स्टेशनों पर भी किसान पहुंचे, जिससे 232 ट्रेनें प्रभावित हुईं और शताब्दी, वंदे भारत एक्सप्रेस समेत 172 ट्रेनों को रद्द किया गया। ट्रक चालकों ने भी समर्थन दिया।
बंद के समर्थन में बाजार, दुकानें और औद्योगिक इकाईयों भी बंद थीं।