पंजाब: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को शौचालय और बर्तन साफ करने की सजा सुनाई गई
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल सोमवार को अकाल तख्त साहिब पर पंच सिंह साहिबों के सामने हाजिर हुए और अपनी सभी गलतियों को कबूल किया। अकाल तख्त के जत्थेदारों ने सुखबीर बादल और उनकी कैबिनेट में रहे मंत्रियों को दोषी ठहराते हुए तनखाह (धार्मिक दंड) सुनाई है, जिसका उनको पालन करना होगा। सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने 2 महीने पहले सुखबीर और कैबिनेट मंत्रियों को 'तनखैया' घोषित किया था।
क्या सुनाई गई है सजा?
अकाल तख्त के पंच सिंह साहिबों ने सुखबीर सिंह बादल और अन्य कैबिनेट मंत्रियों को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का शौचालय साफ करने और जूठे बर्तन साफ करने की सजा दी है। इसके अलावा वे श्रद्धालुओं के जूते साफ करेंगे और रोजाना होने वाले कीर्तन में शामिल होंगे। उनको अपने गले में तनखैया (धार्मिक कदाचार का दोषी) लिखी पट्टिका पहननी होंगी और समागम में बोलने की मनाही रहेगी। सुखबीर बरछा लेकर श्री दरबार साहिब के बाहर बैठेंगे।
सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई गई
प्रकाश सिंह बादल से छीनी गई फख्र-ए-कौम
अकाली दल सरकार की गलतियों को ध्यान में रखते हुए अकाल तख्त ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दी गई फख्र-ए-कौम की उपाधि भी वापस ले ली है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) कार्यसमिति को 3 दिन में सुखबीर सिंह का इस्तीफा स्वीकार कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। साथ ही तख्त ने अकाली दल का सदस्यता अभियान शुरू करने और 6 महीने में नए अध्यक्ष का चुनाव करने को कहा है।
सुखबीर सिंह बादल पर क्या थे आरोप?
जत्थेदार सिंह ने 2007 से 2017 तक अकाली दल और उनकी सरकार द्वारा की गई "गलतियों" के लिए 30 अगस्त को बादल को 'तनखैया' घोषित किया था। बादल पर अपने कार्यकाल में सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को ईशनिंदा मामले में माफी और निर्दोष सिखों की हत्या में शामिल पुलिस अधिकारियों को पदोन्नति देने का आरोप था। राम रहीम पर 2007 में ईशनिंदा का मामला दर्ज हुआ था, लेकिन अकाली दल सरकार ने मामला वापस ले लिया था।