कोरोना वायरस: पुणे में कम पड़ने लगे इंतजाम, PMC में एक भी वेंटीलेटर बेड खाली नहीं
क्या है खबर?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे महाराष्ट्र के पुणे में स्थिति हाथ से निकलती जा रही है और अस्पतालों में बेड और अन्य व्यवस्थाएं कम पड़ने लगी हैं।
स्थिति यह है कि पुणे नगर निगम (PMC) के अंतर्गत आने वाले इलाके में एक भी वेंटीलेटर बेड खाली नहीं बचा है। अन्य तरह के बेड भी तेजी से बढ़ रहे हैं और संक्रमण से कोई राहत भी नजर नहीं आ रही है।
आंकड़े
पुणे के 18,227 बेडों में से 3,662 भरे
पुणे डिविजनल कमिश्नर के डेशबोर्ड के अनुसार, जिले में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए सभी तरह के कुल 18,227 बेड हैं जिनमें से मात्र 3,662 बेड खाली हैं।
जिले के कुल 18,227 बेडों में से 7,658 बेड PMC में हैं, वहीं 4,086 बेड पिंपरी चिंचवड नगर निगम (PCMC) के अंतर्गत आने वाले इलाकों में हैं।
PMC में 1,056 बेड और PCMC में से मात्र 687 बेड खाली हैं।
नाजुक स्थिति
PMC में वेंटीलेटर वाले सभी ICU बेड भरे
अलग-अलग तरह के बेडों की बात करें तो जिले में वेंटीलेटर सपोर्ट वाले कुल 882 बेड है जिनमें से मात्र 83 खाली बचे हैं। PMC में तो स्थिति बेहद खराब है और यहां के सभी 493 वेंटीलेटर्स बेड भर चुके हैं। वहीं PCMC में 170 में से मात्र 18 वेंटीलेटर्स बेड खाली हैं।
इसी तरह PMC में बिना वेंटीलेटर वाले 432 ICU बेडों में से मात्र पांच बेड खाली बचे हैं। PCMC में 163 ICU बेड खाली हैं।
अन्य बेड
सामान्य और ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बेडों की यह स्थिति
कोरोना मरीजों के आइसोलेशन के लिए आरक्षित किए गए बेडों की बात करें तो जिले में बिना ऑक्सीजन सपोर्ट वाले ऐसे 8,313 बेड हैं जिनमें से 2,258 खाली हैं। PMC में 2,276 में से 679 और PCMC में 2,297 में से 311 आइसोलेशन बेड खाली हैं।
वहीं ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कुल 7,645 आइसोलेशन बेड हैं जिनमें से मात्र 1,045 खाली हैं। PMC में 4,457 में से 382 और PCMC में 1,272 में से 195 ऑक्सीजन बेड खाली हैं।
संकट
आने वाले एक हफ्ते में सक्रिय मामले एक लाख से अधिक होने का अनुमान
आने वाले दिनों में पुणे में स्थिति और खराब होने का अनुमान है और इससे बचे हुए बेड भी कम पड़ना शुरू हो सकते हैं।
अभी जिले में रोजाना 10,000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और 81,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। अगर नए मामले इसी गति से सामने आना जारी रहते हैं तो अगले हफ्ते में ही जिले में सक्रिय मामलों की संख्या एक लाख से अधिक हो सकती है।
राहत
कम मृत्यु दर राहत देने वाली एकमात्र खबर
मामलों में रिकॉर्ड उछाल और स्वास्थ्य व्यवस्था पर अप्रत्याशित दवाब के बीच पहली लहर के मुकाबले कम मृत्यु दर पुणे के लिए एक राहत देने वाली खबर है।
पुणे शहर में पिछले साल मार्च-जून के बीच मृत्यु दर 4.6 प्रतिशत थी जो अगस्त-सितंबर में पीक के समय घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई। अभी दूसरी लहर में जनवरी-मार्च के बीच मृत्यु दर इससे भी कम मात्र 0.95 प्रतिशत रही है।
जिले में अब तक 10,282 लोगों की मौत हो चुकी है।