कुंभ की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी की संतों से अपील, प्रतीकात्मक रखा जाए मेला
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में जारी कुंभ को लेकर भारी आलोचना हो रही है। इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कोरोना संक्रमण के कारण कुंभ को प्रतीकात्मक रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री मोदी का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है, जब कुंभ मेले में भाग लेने वाले कई लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की महामारी के चलते मौत भी हो चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुंभ को लेकर क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया।' अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।'
भारी संख्या में स्नान के लिए न आएं लोग- गिरी
स्वामी अवधेशानन्द गिरी ने प्रधानमंत्री मोदी के निवेदन का जवाब देते हुए लोगों से भारी संख्या में कुंभ मेले में न आने की अपील की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं। जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें।'
गुरुवार को हुई थी कपिल देव दास की मौत
मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास को इसी हफ्ते कोरोना से संक्रमित पाया गया था और देहरादून में इलाज के दौरान गुरुवार को उनकी मौत हो गई। इस बीच कोरोना के प्रकोप को देखते हुए शु्क्रवार को निरंजनी अखाड़े ने कुंभ मेले से बाहर होने का फैसला लिया। अपने सभी साधु-संतों और भक्तों से मेला छोड़ने की अपील करते हुए अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी ने कहा कि उनके लिए कुंभ खत्म हो गया है।
अब तक 80 साधु और 2,000 लोग पाए गए संक्रमित
कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी और पहले से अधिक खतरनाक लहर के बीच हो रहे कुंभ मेले में अब तक 80 से अधिक साधुओं और 2,000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। संक्रमण के प्रसार को देखते हुए मेले में टेस्टिंग बढ़ाई गई है और अधिकारी सख्ती से नियमों का लागू करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ के कारण उन्हें बहुत मुश्किलें आ रही हैं।
महामारी के बीच कुंभ को जारी रखने की हो रही आलोचना
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी और बेहद भयंकर लहर के बीच भी कुंभ को जारी रखने की काफी आलोचना हो रही है। आलोचकों का कहना है कि यह संक्रमण का सुपर-स्प्रेडर साबित हो सकता है। 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के अवसर पर आयोजित अंतिम दो शाही स्नान में 48.51 लाख लोग गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। जनवरी से कुल 2.5 करोड़ लोग यहां आ चुके हैं।