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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पंबन पुल का उद्घाटन, जानें खासियत
प्रधानमंत्री पंबन के नए रेल पुल का उद्घाटन करेंगे (तस्वीर-एक्स/@RailMinIndia)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पंबन पुल का उद्घाटन, जानें खासियत

लेखन आबिद खान
Mar 27, 2025
03:14 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को रामनवमी को मौके पर तमिलनाडु में रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा करेंगे। इसके साथ ही वे पंबन रेल पुल का उद्घाटन भी करेंगे। ये देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल भी है। इससे तमिलनाडु की मुख्य भूमि से रामेश्वरम तक की रेल कनेक्टिविटी बेहतर तो होगी। नया पुल उस पुराने पुल की जगह लेगा, जिसे जंग लगने की वजह से 2022 में उसे बंद कर दिया गया था। आइए पुल की खासियत जानते हैं।

लागत

535 करोड़ रुपये आई है लागत

यह पुल लगभग 6790 फुट यानी करीब 2.06 किलोमीटर लंबा है। इसे रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने 535 करोड़ रुपये की लागत से बनाया है। नया पंबन ब्रिज मौजूदा पुल से 3 मीटर ऊंचा है और इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 22 मीटर है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में इसकी आधारशिला रखी थी और 2020 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लॉकडाउन की वजह से निर्माण कार्य में थोड़ी बाधा आई थी।

खासियत

क्या है पुल की खासियत?

पंबन पुल में 100 स्पैन और एक नेविगेशनल स्पैन बनाया गया है। इसका हर स्पैन करीब 18.3 मीटर और नेविगेशनल स्पैन 63 मीटर का है। जहाजों के आवागमन के लिए इस पुल को इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है। इसमें वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। यानी पुल के नीचे से जहाजों को निकालने के लिए इसका हिस्सा ऊपर उठाया जा सकता है। बिजली बचाने के लिए इसमें काउंटरवेट मैकेनिज्म का उपयोग किया गया है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें पुल का वीडियो

फायदा

पुल से क्या होगा फायदा?

पुल पर यातायात शुरू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा समय की बचत के तौर पर होगा। दावा किया जा रहा है कि मंडपम् से रामेश्वरम् तक इस पुल के जरिए पहुंचने में केवल 5 मिनट का समय लगेगा, जबकि पहले करीब 25 मिनट लगते थे। पुल पर से ज्यादा क्षमता वाली मालगाड़ी भी गुजर सकेगी। रामेश्वरम जाने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा पुल से और सुविधाजनक होगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

पुराना पुल

पंबन के पुराने पुल की खासियत भी जानिए

पुराने पंबन पुल का निर्माण 1911 में शुरू हुआ और 1914 में इसे यातायात के लिए खोला गया था। यह भारत का पहला समुद्री पुल था। 1954 में तूफान के कारण एक ट्रेन पुल से नीचे समुद्र में गिर गई थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे। 1964 में आए चक्रवात ने भी पुल को नुकसान पहुंचाया था। 2007 में इस पुल को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदला गया था।