
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का थाईलैंड दौरा कितना अहम है, किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 3 अप्रैल को 2 दिन के थाईलैंड दौरे पर पहुंचे हैं। राजधानी बैंकॉक में उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की।
कल प्रधानमंत्री मोदी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके बाद वे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री थाईलैंड से ही श्रीलंका रवाना हो जाएंगे।
आइए जानते हैं प्रधानमंत्री का दौरा कितना अहम है।
सम्मेलन
बिम्सटेक सम्मेलन कितना अहम?
प्रधानमंत्री बिम्सटेक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इसमें थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार और भूटान के नेता शिरकत करेंगे।
सम्मेलन में 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन घोषणापत्र को अपनाया जाएगा। इसके अलावा बैंकॉक विजन 2030, भविष्य के सहयोग को बढ़ाने के लिए पहला रणनीतिक रोडमैप होगा।
सभी देश समुद्री परिवहन सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगे। इसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी में व्यापार और यात्रा का विस्तार करना है।
सम्मेलन की थीम 'बिम्सटेक- समृद्ध, लचीला और खुला' है।
दौरा
कैसा होगा प्रधानमंत्री का थाइलैंड दौरा?
प्रधानमंत्री बैंकॉक में प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से मुलाकात करेंगे।
बिम्सटेक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और म्यांमार के सैन्य जुंटा नेता मिन आंग ह्लाइंग सहित अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकात करेंगे।
प्रधानमंत्री थाईलैंड के ऐतिहासिक प्रसिद्ध वात फो मंदिर भी जा सकते हैं, जो विशाल लेटे हुए बुद्ध प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
श्रीलंका
प्रधानमंत्री का श्रीलंका दौरा भी काफी अहम
प्रधानमंत्री 4-6 अप्रैल तक श्रीलंका दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए संयुक्त विजन में के क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए चर्चा करेंगे।
बता दें कि दिसानायके ने प्रधानमंत्री को यात्रा के लिए आमंत्रित किया था।
माना जा रहा है कि इस दौरान कच्चातीवु द्वीप को लेकर चर्चा हो सकती है। इसे लेकर दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है।
बयान
यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने लिखा, 'अगले 3 दिनों में मैं थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करूंगा और इन देशों और बिम्सटेक देशों के साथ भारत के सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। आज बैंकॉक में मैं प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मिलूंगा और भारत-थाईलैंड मैत्री के सभी पहलुओं पर चर्चा करूंगा। कल मैं बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा और थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न से भी मुलाकात करूंगा।'
प्लस
क्या है बिम्सटेक?
बिम्सटेक की स्थापना 1997 में एक क्षेत्रीय सहयोग मंच के तौर पर हुई थी। तब इसे BIST-EC (बांग्लादेश-भारत-श्रीलंका-थाईलैंड आर्थिक सहयोग) के रूप में जाना जाता था। बाद में इसमें म्यांमार, भूटान और नेपाल भी शामिल हो गए। इस तरह फिलहाल समूह में 7 देश हैं।
बिम्सटेक देश 14 तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में एक-दूसरे के सहयोग से काम करते हैं।
भारत की पड़ोसी प्रथम और एक्ट ईस्ट नीति के लिहाज से ये संगठन काफी अहम है।