दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज को प्रधानमंत्री मोदी ने दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रज को हरी झंडी दिखा दी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री मोदी ने MV गंगा नामक इस क्रूज को वाराणसी से रवाना किया। इस क्रूज का संचालन अंतारा क्रूजज नामक कंपनी कर रही है और यह 51 दिनों में 3,200 किलोमीटर का सफर तय करेगा। भारत के पांच राज्यों और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों से होता हुआ यह क्रूज 1 मार्च असम के डिब्रूगढ़ में अपनी यात्रा पूरी करेगा।
62 मीटर है क्रूज शिप की लंबाई
तीन डेक वाले इस क्रूज की लंबाई 62 मीटर और चौड़ाई 12 मीटर है। इस पर सभी लग्जरी सुविधाओं के साथ 36 पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसमें बनी 18 सुइट्स में फ्रेंच बालकनी, LED टीवी, कन्वर्टेबल बेड्स आदि का इंतजाम है और क्रूज के मेन डेक पर 40 मीटर लंबा रेस्टोरेंट, स्पा और बार जैसी सुविधाएं दी गई हैं। पहले यह 6 जनवरी को वाराणसी पहुंचना था, लेकिन खराब मौसम के चलते इसमें देरी हुई।
स्विट्जरलैंड के हैं क्रूज पर सवार सभी यात्री
इस क्रूज पर सवार सभी 32 यात्री स्विट्जरलैंड के हैं और उनका वाराणसी में शहनाई की धुनों के बीच मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया था। 51 दिन की इस यात्रा का खर्च लगभग 20 लाख रुपये होगा।
कई राष्ट्रीय उद्यानों और नदियों से गुजरेगा क्रूज
वाराणसी से डिब्रूगढ़ के रास्ते में यह क्रूज 27 नदियों, विश्व धरोहर स्थलों, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान समेत कई राष्ट्रीय उद्यानों और सुदंरबन, नदियों के घाटों और पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और कोलकाता आदि मशहूर शहरों से गुजरेगा। वाराणसी से रवाना होने से पहले इस पर सवार यात्रियों ने शहर के दर्शन किए और आगे के रास्ते में ये यात्री बिहार योग स्कूल और विक्रमशिला यूनिवर्सिटी, सारनाथ और असम के मजुली द्वीप पर भी जाएंगे।
"चलता-फिरता पांच-सितारा होटल है यह क्रूज"
क्रूज के निदेशक राज सिंह ने समाचार एजेंसी PTI को बताया कि यह चलता-फिरता पांच-सितारा होटल है। इसमें हर यात्री के लिए रोजाना का खर्च 25,000-50,000 रुपये है। इसमें प्रदूषण और शोर रोकने वाली तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगा हुआ है, जिससे कोई भी गंदगी गंगा नदी में नहीं जाएगी। नहाने और दूसरे कार्यों के लिए गंगा के पानी को साफ करने के लिए इसमें प्यूरीफायर लगे हुए हैं।
क्रूज की यात्रा को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्री?
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय इस शिप टूरिज्म प्रोजेक्ट का संयोजक है। इस मंत्रालय का प्रभार देखने वाले केंद्रीय मंत्री सर्बनंदा सोनोवाल ने कहा कि यह यात्रा विदेशी पर्यटकों को कला, संस्कृति, इतिहास और भारत और बांग्लादेश के अध्यात्म को महसूस करने का मौका देगी। उन्होंने कहा कि यह क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों का हिस्सा है और ऐसे 100 जलमार्ग तैयार किए जा रहे हैं।
सरकार ने उठाए कई कदम- सोनोवाल
सोनोवाल ने आगे कहा कि रिवर टूरिज्म सर्किट को विकास कर उन्हें पहले से मौजूद पर्यटन गलियारों से जोड़ा जाएगा ताकि यह सेक्टर आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने पर्यटन उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए मूलभूत ढांचे के निर्माण, तटीय शुल्क को तर्कसंगत बनाने, कई शुल्क खत्म करने और ई-वीजा जैसे कई कदम उठाए हैं। अभी भारत में चार लाख क्रूज पर्यटक आते हैं और इनकी संख्या बढ़ाकर 40 लाख करने का लक्ष्य रखा गया है।