झारखंड: जमशेदपुर में रामनवमी के बाद हुई हिंसा का पूरा मामला क्या है?
झारखंड के जमशेदपुर शहर में रविवार शाम को आगजनी और पथराव की घटना के बाद धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा यहां अस्थाई रूप से इंटरनेट सेवा को भी बंद किया गया है। पुलिस ने मामले में 50 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है। सोमवार को सुरक्षा बलों ने शास्त्रीनगर में फ्लैग मार्च निकाला और घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल है। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
क्या है मामला?
जमशेदपुर के शास्त्रीनगर में एक स्थानीय संगठन ने आरोप लगाया था कि रामनवमी के झंडे पर मांस का एक टुकड़ा रखा गया था, जिसके बाद कई संगठनों ने इसका विरोध किया। प्रदर्शनकारी पुलिस से 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। रविवार शाम को यह प्रदर्शन हिंसक हो गया और दो गुटों की बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। इस दौरान हिंसक भीड़ ने दो दुकानों और एक ऑटो-रिक्शा में आग लगा दी।
पुलिस ने किया फ्लैग मार्च
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए की फायरिंग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान हिंसक हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और 8 राउंड फायरिंग भी की। इस दौरान एक गुट ने पुलिस पर भी पत्थर फेंके और इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस सांप्रदायिक हिंसा फैलाने वाले लोगों को चिन्हित करते हुए उनकी गिरफ्तारी कर रही है और अब तक हिंसा में शामिल दोनों गुटों के 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी?
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शास्त्रीनगर की घटना के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात है और धारा 144 लागू की गई है। पुलिस उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की कोशिश की है और प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर रख रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
जमशेदपुर पूर्वी सिंहभूम SSP ने क्या कहा?
रामनवमी के दिन भी हुआ था पथराव
जमशेदपुर के हल्दीपोखर में रामनवमी के जुलूस के दौरान भी दो गुटों में जमकर पथराव हुआ था। इस घटना में 5 लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने बाटा चौक में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हल्दीपोखर के पोटका के क्षेत्राधिकारी को निलंबित करने और पथराव के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बंद का आह्वान भी किया था।