भारत में 50 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्यकर्मी कार्यस्थल को मानते हैं असुरक्षित, सर्वे में हुआ खुलासा
सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में किए सर्वेक्षण में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। इस सर्वे में भाग लेने वाले 50 फीसदी से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को लगता है कि उनका कार्यस्थल असुरक्षित है। खासकर इसमें राज्य और केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों में खस्ता हालत को उजागर किया गया है। सर्वे 'एपिडेमियोलॉजी इंटरनेशनल' पत्रिका में प्रकाशित किया था। यह वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग अस्पताल और दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों के नेतृत्व में हुआ।
सर्वे में यह सच आया सामने
अध्ययन के संबंधित लेखक डॉ जुगल किशोर ने कहा कि परिणामों से पता चला कि आधे से अधिक (58.2 फीसदी) स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यस्थल पर असुरक्षित महसूस करते हैं। साथ ही 78.4 फीसदी ने ड्यूटी पर धमकी मिलने की सूचना दी है और लगभग आधे स्वास्थ्य कर्मियों ने लंबे समय तक काम करते समय एक ड्यूटी रूम नहीं होने की बात बताई। उन्होंने कहा ड्यूटी रूम में नियमित सफाई, कीट नियंत्रण, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग जैसी बुनियादी सुविधाएं भी अपर्याप्त हैं।
पर्याप्त नहीं है सुरक्षाकर्मियों की संख्या
सर्वे में अधिकांश स्वास्थ्यकर्मियों ने पूरे भारत में स्वास्थ्य संस्थानों में मौजूदा सुरक्षा उपायों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया है। 70 फीसदी से अधिक ने महसूस किया कि सुरक्षाकर्मी अप्रभावी थे और 62 फीसदी ने आपातकालीन अलार्म सिस्टम को नाकाफी बताया। इसी प्रकार लगभग आधे लोगों ने ICU और मनोरोग वार्ड जैसे ज्यादा जोखिम वाले क्षेत्रों में निगरानी में गंभीर कमियां बताई है। डॉ किशोर के अनुसार, सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के चिकित्सा संस्थानों में ज्यादा असंतोष है।