केंद्र सरकार नई दवा निर्यात नीति पर कर रही विचार, विदेशों में मरीजों की मौत कारण
क्या है खबर?
केंद्र सरकार दवा निर्यात के लिए एक नई नीति बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके तहत भारत में बनी दवाओं के नमूनों को विदेशों में भेजने से पहले उनकी क्षेत्रीय या केंद्रीय दवा परीक्षण प्रयोगशाला में जांच की जाएगी।
NDTV के सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग इस नई नीति पर विचार कर रहे हैं। इसे लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से भी सुझाव मांगे गए थे।
नीति
दवा निर्यात के लिए नई नीति की जरूरत क्यों पड़ी?
हालिया समय में अमेरिका, गांबिया और उज्बेकिस्तान जैसे देशों में भारतीय दवाइयों के कारण मौतें और संक्रमण की खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय नई दवा निर्यात नीति पर विचार कर रहा है।
अब तक दवा निर्माता बिना किसी गुणवत्ता जांच के निर्यात लाइसेंस प्राप्त करने के बाद सीधे विदेशों में दवाओं को निर्यात करते थे। इन दवाओं की कोई गुणवत्ता जांच नहीं होती थी, लेकिन अब बिना जांच के दवा निर्यात नहीं हो पाएंगी।
अमेरिका
अमेरिका ने आई ड्रॉप पर लगाई थी रोक
फरवरी में चेन्नई में बनी आई ड्रॉप के चलते अमेरिका में 3 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 8 लोग अंधेपन का शिकार हो गए थे।
इसके बाद अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने ग्लोबल प्राइवेट हेल्थकेयर लिमिटेड की इस दवा के आयात पर पाबंदी लगा दी थी।
FDA ने अलर्ट जारी करते हुए कहा था कि आई ड्रॉप के लगातार इस्तेमाल से दृष्टि जाने और मौत होने तक का खतरा है।
जानकारी
तमिलनाडु में बनीं आई ड्रॉप में नहीं मिला संदूषण
इम मामले की जांच तमिलनाडु के ड्रग रेगुलेटर को सौंपी गई थी। इस जांच के बाद ड्रग रेगुलेटर ने कहा था कि उसे आई ड्रॉप के नमूनों में कोई संदूषण नहीं मिला और स्वास्थ्य मंत्रालय के इस बात की पुष्टि की थी।
सिरप
गांबिया में भारतीय सिरप के सेवन से 70 बच्चों की हुई थी मौत
पिछले साल सितंबर और अक्टूबर में अफ्रीकी देश गांबिया में भी भारतीय सिरप के सेवन के बाद करीब 70 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया था।
इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हरियाणा की मेडन फार्मास्यूटिकल द्वारा बनाई गई 4 दवाओं को लेकर अलर्ट जारी किया था।
WHO ने कहा था कि यह दवाएं असुरक्षित हैं और खास तौर पर बच्चों में इनका इस्तेमाल गंभीर बीमारी और मौत तक की वजह बन सकता है।
जानकारी
उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीकर 18 लोगों की मौत
पिछले साल दिसंबर में भी उज्बेकिस्तान में कफ सिरप पीकर 18 बच्चों की मौत होने का मामला सामने आया था। जांच में नोएडा की मरिओन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित डोक-1 मैक्स सिरप में मिलावट की बात समाने आई थी।
दवा कंपनियों
मार्च में 18 फार्मास्यूटिकल कंपनियों का लाइसेंस हुए थे निरस्त
इससे पहले मार्च में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 18 फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त कर दिया था। कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई नकली और घटिया किस्म की दवाइयों का उत्पादन करने को लेकर की गई थी।
मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। कार्रवाई से पहले ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देशभर के 20 राज्यों में 76 फार्मास्यूटिकल कंपनियों की दवाइयों की जांच की थी।