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    देश में लागू होगा 'एक राष्ट्र-एक समय', सरकार ने तैयार किया नियमों का मसौदा 
    सरकार ने 'एक देश, एक समय' से जुड़े कानूनों का मसौदा तैयार किया है (तस्वीर साभार- पिक्साबे)

    देश में लागू होगा 'एक राष्ट्र-एक समय', सरकार ने तैयार किया नियमों का मसौदा 

    लेखन आबिद खान
    Jan 26, 2025
    08:12 pm

    क्या है खबर?

    केंद्र सरकार देश में जल्द ही 'एक देश, एक समय' को लागू करने जा रही है। सरकार ने भारतीय मानक समय (IST) को अनिवार्य बनाने के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया गया है।

    उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 14 फरवरी तक जनता से राय भी मांगी है।

    नियम लागू होने के बाद सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक प्लेटफार्मों को समय के संदर्भ के लिए IST का इस्तेमाल करना जरूरी हो जाएगा।

    नियम

    नियमों में क्या-क्या होगा?

    प्रस्तावित नियमों में वाणिज्य, परिवहन, कानूनी अनुबंध, लोक प्रशासन और वित्तीय परिचालन जैसे क्षेत्रों में IST का उपयोग जरूरी करने की सिफारिश है।

    इसके अलावा अन्य प्रमुख प्रावधानों में आधिकारिक और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए IST के अलावा दूसरे अन्य समय संदर्भों पर प्रतिबंध, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में IST का अनिवार्य इस्तेमाल और विश्वसनीयता और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टाइम सिंक्रोनाइजेशन प्रणाली का इस्तेमाल शामिल है।

    वजह

    क्यों बनाए जा रहे नियम?

    इस कदम का उद्देश्य दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और 5जी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में समय की सटीकता में सुधार करना है।

    एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने PTI से कहा, "रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों के लिए नैनोसेकंड सटीकता के साथ सटीक समय जरूरी है। खगोल विज्ञान, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए अपवादों की अनुमति दी जाएगी, जिसके लिए पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी।"

    जुर्माना 

    नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना

    रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय IST के सृजन और प्रसार के लिए एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर काम कर रहा है।

    इन नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना लगाया जाएगा तथा समय-समय पर ऑडिट के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। आम

    जनता भी 14 फरवरी तक अपने सुझाव और टिप्पणियां दे सकती हैं।

    प्लस

    न्यूजबाइट्स प्लस 

    भारत में आजादी के बाद से आधिकारिक तौर पर IST का इस्तेमाल हो रहा है। ये समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC) से साढ़े 5 घंटे आगे है।

    हालांकि, भारत की भोगौलिक विशालता को देखते हुए अलग-अलग टाइम जोन की मांग उठती रही है, चूंकि कई बार पूर्व और पश्चिम में सूरज उगने के समय में डेढ़ घंटे तक का फर्क रहता है।

    फिलहाल असम के चाय बागान अलग टाइम जोन का पालन करते हैं, जो IST से एक घंटा आगे है।

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