
नागालैंड विधानसभा में UCC के खिलाफ प्रस्ताव पारित, भाजपा ने भी किया समर्थन
क्या है खबर?
नागालैंड की विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन सभी दलों ने समान नागरिक संहिता (UCC) और वन संरक्षण (संशोधन) अधिनियम का विरोध किया।
सत्र के दौरान विधानसभा में 16 सूत्री समझौते और अनुच्छेद 371A के तहत सुरक्षा की मांग की गई।
इन मुद्दों को लेकर सत्र के पहले दिन सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी (NDPP) और भाजपा के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) समेत अन्य दलों के नेताओं ने चर्चा की।
राय
किस पार्टी ने क्या कहा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागालैंड में भाजपा के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री तेमजेन इम्ना अलोंग ने आश्वासन दिया है कि वे दोनों मुद्दों पर विधानसभा द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव के साथ खड़े रहेंगे।
NCP विधायक दल के उपनेता पी लॉन्गोन और NPP विधायक दल के नेता नुक्लुतोशी लॉन्गकुमेर का कहना है कि दोनों कानून नागालैंड में लागू नहीं हो सकते।
NPF विधायक कुझोलुजो निएनु ने कहा कि नागाओं को अनुच्छेद 371A के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए चर्चा आवश्यक है।
बयान
क्या बोले नागालैंड के मुख्यमंत्री?
नागालैंड के मुख्यमंत्री और NDPP नेता नेफियू रियो ने कहा कि नागालैंड इकलौता राज्य है, जो 16 सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर करने और अनुच्छेद 371ेA के साथ भारतीय संघ में शामिल हुआ।
रियो ने आशा जताई कि केंद्र समझौते का अनादर नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र के साथ गठबंधन से जुड़ी है, इसलिए नीतियों के खिलाफ नहीं जा सकती।
उन्होंने सुझाव दिया कि सदन प्रस्ताव पारित कर कानूनों से छूट की अपील कर सकता है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
फरवरी में नागालैंड की 60 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में NDPP ने 25 सीट जीती थीं। उसको भाजपा ने 12 सीटों का समर्थन देकर सरकार बनाई। इसके बाद अन्य दलों ने भी सरकार को समर्थन दिया, जिससे यहां बिना विपक्ष के सर्वदलीय सरकार है।