हरियाणा पुलिस ने मोनू मानेसर को हिरासत में लिया
हरियाणा पुलिस ने बजरंग दल के सदस्य और कथित गौरक्षक मोनू मानेसर को हिरासत में ले लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया कि भिवानी मामले में आरोपी मोनू को राजस्थान पुलिस को सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए मोनू मानेसर द्वारा सोशल मीडिया पर जारी की गई एक वीडियो को जिम्मेदार ठहराया गया था।
हिरासत में लिए जाने की CCTV फुटेज आई सामने
मोनू को हिरासत में लिए जाने की CCTV फुटेज भी सामने आई है। इसमें सादे कपड़ों में मौजूद हरियाणा पुलिस के अधिकारी मोनू को पकड़ते हुए नजर आ रहे हैं। NDTV के मुताबिक, मोनू को सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की जमानती धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया है। उसे जमानत मिलने की संभावना है, जिसके बाद राजस्थान पुलिस भिवानी के दोहरे हत्याकांड मामले में उसे हिरासत में ले लेगी।
क्या है भिवानी कांड?
मोनू पर राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले 2 व्यापारियों, नासिर और जुनैद, की जिंदा जलाकर हत्या करने का भी आरोप है। हरियाणा के भिवानी में फरवरी में एक जली हुई बोलेरो गाड़ी से 2 कंकाल बरामद हुए थे, जिसके बाद मोनू के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। राजस्थान पुलिस ने मोनू की तलाश में छापेमारी भी की थी, लेकिन उसे गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो पाई थी।
मोनू के वीडियो को माना गया था नूंह हिंसा का कारण
मोनू ने ब्रजमंडल यात्रा से पहले एक वीडियो में लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि वह खुद भी यात्रा में शामिल होंगे, जिसका भवानी कांड से गुस्साए स्थानीय लोगों ने विरोध किया। वह यात्रा में शामिल नहीं हुए थे, लेकिन उनके शामिल होने की आशंका के चलते यात्रा पर पथराव हो गया था। मोनू के एक और साथी बिट्टू बजरंगी ने भी भड़काऊ वीडियो जारी किया था।
कौन हैं मोनू मानेसर?
मोनू मानेसर का असली नाम मोहित यादव है और गुरूग्राम के मानेसर का रहने वाले हैं। वह हिंदू संगठनों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और गो तस्करी के खिलाफ अभियान चला चुके हैं। मोनू 'लव जिहाद' को लेकर भी कई अभियानों का हिस्सा रह चुके हैं। बता दें कि मोनू गुरुग्राम की जिला गाय संरक्षण टास्क फोर्स का भी हिस्सा थे, जिसे हरियाणा सरकार ने 2015 में गाय संरक्षण कानून पारित होने के बाद स्थापित किया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (VHP) समेत अन्य हिंदू संगठनों ने नूंह में ब्रजमंडल यात्रा निकालने का ऐलान किया था। स्थानीय लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया, जिसके चलते नूंह समेत आसपास के अन्य कई इलाकों में हिंसा भड़क गई थी। इस सांप्रदायिक हिंसा में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई, जबकि हरियाणा पुलिस के 2 होम गार्ड जवानों समेत 6 लोगों की मौत हुई थी।