मुजफ्फरपुर: रेप का विरोध करने पर युवती को जिंदा जलाया, मौत
बिहार के मुजफ्फरनगर में आग के हवाले की गई 23 वर्षीय लड़की ने सोमवार को दम तोड़ दिया। लड़की के साथ 7 दिसंबर को राजा राय नामक आरोपी ने रेप की कोशिश की थी। जब पीड़िता ने इसका विरोध किया तो आरोपी ने मिट्टी का तेल डालकर उसे आग लगा दी। इससे पीड़िता का शरीर 95 फीसदी झुलस गया था। गंभीर हालत में उसे पटना के अपोलो बर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने सोमवार को अंतिम सांस ली।
ये था पीड़िता का आखिरी बयान
मौत से पहले पीड़िता ने अपने आखिरी बयान में दोषियों को सजा दिलाने की मांग की थी। उसने कहा था, "मुझे न्याय चाहिए। जिस शख्स ने मुझे इस हालत में लाकर खड़ा किया है, उसे (आरोपी) भी इसी तरह की सजा मिले।"
परिजनों ने की न्याय की मांग
लड़की के परिजनों ने उसके अंतिम संस्कार से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से न्याय की मांग की है। परिजनों का कहना है कि युवती के आरोपितों को 24 घंटे के अंदर में सजा दी जाए और परिवार को सुरक्षा दी जाए। पीड़िता की मौत के पीछे पुलिस की लापरवाही भी बड़ा कारण मानी जा रही है। पीड़िता के परिजनों ने तीन सालों में पांच बार छेड़खानी की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
तीन साल से पीड़िता को तंग कर रहा था आरोपी
पीड़िता की मां ने कहा कि आरोपी युवक पिछले तीन साल से उनकी बेटी को तंग कर रहा था। छठ के दिन आरोपी जबरदस्ती उनके घर घुस आया और पीड़िता के साथ छेड़छाड़ करने लगा। इसे लेकर परिवार ने कई बार पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद छेड़खानी के डर के मारे पीड़िता ने कॉलेज और कोचिंग जाना बंद कर दिया और घर पर रहने लगी थी।
पुलिस ने हर कदम पर बरती लापरवाही
बतौर मीडिया रिपोर्ट्स, पुलिस हर बार शिकायत करने पर उल्टे पीड़िता को ही आरोपी से न उलझने की सलाह देकर घर भेज देती थी। यहां तक की पीड़िता को जलाने की घटना के बाद भी पुलिस ने FIR में छेड़खानी या रेप की कोशिश की धारा नहीं जोड़ी। छेड़खानी की धारा शामिल करवाने के लिए परिवार के लोगों को गुरुवार को कोर्ट में अर्जी देनी पड़ी थी। बुरी तरह झुलसने के बावजूद पीड़िता के इलाज में भी लापरवाही बरती गई।
उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाया गया था
इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप पीड़िता को जिंदा जलाया गया था। पीड़िता मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट जा रही थी। रास्ते में रेप के दो आरोपियों ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर पीड़िता पर मामला वापस लेने का दबाव बनाया। जब पीड़िता ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने उस पर तेल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। इलाज के दौरान पीड़िता ने दम तोड़ दिया था।