इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की घटनाओं को लेकर निर्माताओं को दिया गया नोटिस- सरकार
क्या है खबर?
हाल के दिनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की कई घटनाओं ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे।
केंद्र सरकार ने इन वाहनों में आग की घटनाओं के लिए जवाबदेह पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए वाहन निर्माता कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
ये घटनाएं मुख्यत: ओला इलेक्ट्रिक, प्योर EV और ओकिनावा के वाहनों में देखने को मिली थीं।
जानकारी
लोकसभा में गडकरी ने दी है सूचना
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा को सूचित किया कि केंद्र ने उन सभी EV निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिनके वाहनों में हाल के दिनों में आग लगने की घटनाएं हूई थीं।
गडकरी के अनुसार सभी संबंधित कंपनियों के CEO और MD को दिए गए नोटिस में जवाब देने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी भी दी गई है।
नोटिस
नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर होगी कार्रवाई
नोटिस में EV निर्माताओं से जवाब मांगा गया है कि बैटरी निर्माण में कई तरह की खामियां करने के कारण हुई आग लगने की घटनाओं के लिए उन्हें दंडित क्यों नहीं किया जाना चाहिए।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर केंद्र दोषी पाई गई कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
आग की घटनाओं की जांच करने वाले पैनल ने इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी के लिए सुरक्षा मानकों का सुझाव भी सरकार को दिया है।
मानक नियम
सरकार जल्द ला रही BIS बैटरी गुणवत्ता मानक
पिछले महीनों में हुई इन घटनाओं की जांच रिपोर्ट में बैटरी पैक के खराब डिजाइन और मॉड्यूल में कई तरह की खामियों का पता चला था।
यह जांच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा की गई थी। इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने और बैटरी ब्लास्ट होने के मद्देनजर सरकार ने इस समिति का गठन किया गया था।
लगभग सभी EV में बैटरी सेल के साथ-साथ डिजाइन में खामी के कारण सरकार अब नए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देश ला रही है।
दोषी कंपनियां
DRDO की जांच रिपोर्ट में दोषी पाई गई थीं ये कंपनियां
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सौंपी गई इन घटनाओं जांच में DRDO के सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड एनवायरनमेंट सेफ्टी (CFEES) ने पाया कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता जैसे ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, ओला इलेक्ट्रिक और बूम मोटर्स "लागत में कटौती के लिए निम्न-श्रेणी की सामग्री" का उपयोग कर रहे हैं।
CFEES ने अपनी यह जांच रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी थी, जिसके आधार पर इन EV निर्माताओं से सरकार ने स्पष्टीकरण देने को कहा है।