कोरोना वायरस: भारत में मास्क के उपयोग से कम हो सकती हैं दो लाख मौतें- अध्ययन
कोरोना वायरस देश में प्रतिदिन हजारों लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है और सैंकड़ों लोगों की जान जा रही है। सरकार और चिकित्सा विशेषज्ञ महामारी से बचने के लिए लगतार मास्क पहनने और सोशल डिस्टेसिंग के पालन की अपील कर रहे हैं। अब एक अध्ययन में सामने आया है कि मास्क का अधिक उपयोग और सोशल डिस्टेसिंग के पालन से देश में 1 दिसंबर तक कोरोना से होने वाली संभावित दो लाख मौतों को रोका जा सकता है।
कोरोना से बचने के लिए महत्वपूर्ण होगा मास्क पहनना
HT के अनुसार गत शनिवार को जारी की गई अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना महामारी से बचने की राह में मास्क का उपयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और सरकार के अन्य दिशा-निर्देशों का पालन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वायरल के प्रकोप पर अध्ययन करने वाले वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के डॉ क्रिस्टोफर मुर्रे ने कहा कि मास्क का उपयोग किसी पर आर्थिक बोझ भी नहीं डालेगा।
मास्क के उपयोग से 40 प्रतिशत कम हो जाता है संक्रमण का खतरा
डॉ मुर्रे के अनुसार N-95 मास्क ही जरूरी नहीं है। कपड़े के मास्क भी बहुत कारगर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि मास्क के उपयोग संक्रमण का खतरा 40 प्रतिशत तक को जाता है। ऐसे में यह भारत जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
नियमों की अवहेलना से देश में हो सकती है 4.92 लाख मौतें
अलग-अलग अध्ययनों के मेटा विश्लेषण से पता चला है कि यदि भारत में मास्क और सोशल डिस्टेसिंग सहित अन्य नियमों के पालन में पारवाही बरती गई तो 1 दिसंबर तक देश में मौत का आंकड़ा 4,92,380 तक पहुंच जाएगा। अध्ययन के बाद विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है कि कोरोना नियमों की पालना नहीं होने की स्थिति में देश के 13 राज्यों में 1 दिसंबर तक 10,000 से अधिक लोगों की मौत हो सकती है। वह भयावह स्थिति होगी।
बेहतर स्थिति में भारत में 29 हजार और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
अध्ययन में बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार भारत में शनिवार तक कोरोना संक्रमण से 62,550 लोगों की मौत हुई थी। यदि सरकार तमाम नियमों की पालना कराती है तो भी 1 दिसंबर तक मृतकों की संख्या में 29,114 की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह यदि राज्यों में प्रत्येक दस लाख पर मृतकों की संख्या आठ से अधिक है तो वहां छह सप्ताह के पूर्ण लॉकडाउन के साथ 95 प्रतिशत तक मास्क का उपयोग करना जरूरी होगा।
बेहतर स्थिति में आठ राज्यों में 10,000 से अधिक होगी मृतकों की संख्या
अध्ययन के अनुसार यदि कोरोना संबंधी नियमों का सही से पालन किया गया तो देश के कम से कम आठ राज्यों में 10,000 से अधिक लोगों की मौत होगी। इसके तहत आंध्र प्रदेश (19,685), कर्नाटक (31,001), केरल (11,602), महाराष्ट्र (85,686), पंजाब (16,404), तमिलनाडु (24,592), उत्तर प्रदेश (21,524) और पश्चिम बंगाल में (22,053) मौतों का अनुमान लगाया गया है। हालांकि विशेषज्ञों ने महामारी के खिलाफ भारत के प्रयासों की सराहना भी की है।
नियमों के पालन से इन शहरों में संक्रमण पर काबू पाने में मिली सफलता
अध्ययन के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली सहित कुछ अन्य शहरों में कंटेनमेंट जोन के चयन, ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, मास्क के उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के कारण संक्रमण के प्रसार को तेजी से बढ़ने से रोकने में सफलता हासिल की गई है।
इन देशों पर भी किया जा चुका है अध्ययन
IHME ने सबसे पहले मार्च में अमेरिका में महामारी का अध्ययन किया था। उसके बाद यूरोप, लैटिन अमेरिका और अन्य देशों में इस पर अध्ययन किया गया। इस वह भारत सहित घनी आबादी वाले अन्य देशों में भी इसका अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन की सार्थकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक लगाए गए अनुमानों में महज 20 प्रतिशत गलत साबित हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार महामारी के खिलाफ मास्क सबसे बड़ा हथियार है।
मास्क के उपयोग से प्रतिदिन रोकी जा सकती है 419 मौतें
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (IIPH) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (PHFI) मेें लाइफ कोर्स एपिडेमियोलॉजी के प्रमुख डॉ गिरिधर आर बाबू ने कहा कि मास्क के उपयोग से देश में प्रतिदिन 419 संभावित मौतें रोकी जा सकती है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 69,921 नए मामले सामने आए और 819 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। देश में पांच दिन बाद 70,000 से कम नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 36,91,166 हो गई है, वहीं 65,288 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 7,85,996 हो गई है।