एयर स्ट्राइक के बाद कम हुए सीजफायर उल्लंघन के मामले, बड़े हथियारों का इस्तेमाल भी घटा
बीते तीन महीनों से भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में तेजी से कमी आई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक के बाद यह पाकिस्तानी सेना के व्यवहार में आए परिवर्तन को दिखाता है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जून में सीजफायर उल्लंघन के 181 मामले सामने आये, जबकि मार्च में यह संख्या 267 थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बड़े हथियारों का इस्तेमाल भी कम हुआ
बीते तीन महीनों में न सिर्फ सीजफायर उल्लंघन के मामले कम हुए हैं बल्कि दोनों तरफ से ज्यादा कैलिबर के हथियारों के इस्तेमाल (कैलिबर एस्केलेशन) भी कम हुए हैं। कैलिबर एक्सेलेशन का मतलब सीजयफायर के उल्लंघन का जवाब देने के लिए ज्यादा कैलिबर के हथियारों का इस्तेमाल करना है। छोटे हथियारों से गोलीबारी का जवाब मोर्टार से दिया जाता है जो धीरे-धीरे बढ़कर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और आर्टिलरी गन तक पहुंच जाता है।
इस परिवर्तन के पीछे एयरस्ट्राइक बड़ी वजह
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सीजफायर उल्लंघन के मामले कम हुए हैं और अप्रैल से कैलिबर एस्केलेशन की बंद हो गए हैं। इसकी बड़ी वजह एयरस्ट्राइक और उसके बाद पाकिस्तानी सेना के व्यवहार में आया परिवर्तन है। साल के शुरुआती महीनों में LoC पर जबरदस्त तनाव देखा गया था। भारत और पाकिस्तान की सेनाएं एक-दूसरे को निशाना बनाने के लिए आर्टिलरी गन तक इस्तेमाल कर रही थी। अब इस पर रोक लगी है।
विवाद सुलझाने के लिए बढ़ा हॉटलाइन का इस्तेमाल
सीमा पर कम हुए तनाव की एक बड़ी वजह दोनों सेनाओं द्वारा हॉटलाइन का बढ़ता इस्तेमाल भी है। नियमित तौर पर हर सप्ताह होने वाली दोनों DGMO (सैन्य अभियानों के महानिदेशकों) की बैठक के अलावा स्थानीय कमांडर भी हॉटलाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले कई सालों से ये हॉटलाइन बंद पड़ी थी और अब इन दोबारा शुरू किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर कई विवादित मुद्दों को सुलझाने का काम कर रही है।
2003 में हुआ था सीजफायर को लेकर समझौता
नियंत्रण रेखा पर सीजफायर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच नवंबर, 2003 में समझौता हुआ था। साल 2016 में उरी हमले के बाद भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद इस समझौते पर एक तरह से रोक लग गई थी। तब से भारत नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन के मामलों में काफी बढ़ोतरी देखी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, LoC पर कार्रवाई करने में भारत आगे रहा है।
पिछले कुछ सालों में बढ़े सीजफायर उल्लंघन के मामले
पिछले 3-4 सालों से LoC पर सीजफायर के मामलों में काफी वृद्धि देखने को मिली है। 2016 में 228 ऐसे मामले सामने आये। इसके बाद 2017 में 860, 2018 में 1,629 और इस साल जून तक 1,321 सीजफायर की घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि, जारी किए गए इन आकंड़ों में ज्यादा कैलिबर के हथिारों और आर्टिलरी गन के इस्तेमाल के आकंड़े जारी नहीं किए गए हैं।