'सबसे अच्छी सांसद' और वक्ता सुषमा स्वराज के जीवन की कुछ अहम उपलब्धियां, जानें
आधुनिक भारत के शीर्ष नेताओं में शामिल रहीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता रहीं सुषमा का नाम एक दौर में प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर भी देखा जाता था। अपने पूरे जीवन और राजनीतिक करियर के दौरान उन्होंने कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं, जिनसे मिलकर उनका महान व्यक्तित्व बना। आइए ऐसी ही कुछ उपलब्धियों के बारे में जानते हैं।
सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड
सुषमा स्वराज के नाम सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनने का रिकॉर्ड रहा है। आपातकाल के बाद 1977 में हुए चुनावों में वह हरियाणा से विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में चौधरी देवीलाल की सरकार बनी और इसमें सुषमा को श्रम मंत्री बनाया गया। तब सुषमा की उम्र मात्र 25 साल थी और वह सबसे कम उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने वाली नेता बनीं।
किसी राष्ट्रीय पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनने का रिकॉर्ड
सुषमा सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री ही नहीं रहीं, बल्कि उनके नाम हरियाणा जनता पार्टी की सबसे कम उम्र की अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। 1977 में 27 साल की उम्र में उन्हें राज्य अध्यक्ष बनाया गया। सुषमा के नाम देश की किसी भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। आमतौर पर "रूढ़िवादी" माने जाने वाली भाजपा में यह मुकाम हासिल करना इसे और बढ़ा कर देता है।
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री
सुषमा स्वराज के नाम दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। 1998 में उन्हें भाजपा ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, उनकी सरकार ज्यादा समय नहीं चली और गिर गई।
15 दिन में सीखी कन्नड़ भाषा
1998 के अंत में सुषमा कर्नाटक के बेल्लारी से तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ मैदान में कूद पड़ीं। सुषमा का पहले इस क्षेत्र से कोई रिश्ता नहीं था और यहां लोग कन्नड़ बोलते थे। लोगों से रिश्ता बनाने के लिए सुषमा ने कन्नड़ भाषा सीखना शुरू किया। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के अनुसार, सुषमा ने 15 दिन के अंदर कन्नड़ भाषा सीख ली और फिर इसी भाषा में भाषण दिए। हालांकि, चुनाव में उन्हें कामयाबी नहीं मिली।
आडवाणी को हटा बनीं लोकसभा में पहली महिला नेता विपक्ष
सुषमा के नाम लोकसभा में पहली महिला नेता विपक्ष होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में 2009 लोकसभा चुनाव हारने के बाद भाजपा की आंतरिक राजनीति में उथल-पुथल हुई और आडवाणी का नेता विपक्ष का पद भी चला गया। उनके स्थान पर तब तक प्रखर वक्ता के तौर पर पहचान बना चुकी सुषमा को नेता विपक्ष बनाया गया और वह 2014 तक इस पद पर रहीं।
देश की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में सुषमा को विदेश मंत्री बनाया गया। वह देश की पहली पूर्णकालिक विदेश मंत्री रहीं। इंदिरा गांधी भी विदेश मंत्री रह चुकी थीं, लेकिन उन्होंने ये पद प्रधानमंत्री पद के साथ-साथ संभाला था। विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा ने पाकिस्तान में जासूसी के झूठे आरोप में पकड़े गए इंजीनियर हामिद अंसारी और गीता को भारत वापस लाने सहित कई ऐसे काम किए, जिससे उनकी सबसे अलग पहचान बनी।
ट्विटर फॉलोवर्स के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी महिला नेता
2018 में ट्विटर पर सुषमा के फॉलोवर्स की संख्या 1.1 करोड़ से ऊपर चली गई और इसके साथ ही वह दुनिया में सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाली महिला नेता भी बन गईं थीं। उस समय विदेश मंत्री के तौर पर भी उनके दुनिया में सबसे अधिक फॉलोवर्स थे। सुषमा ने अपने कार्यकाल में दुनियाभर में फैले भारतीय नागरिकों की परेशानियों को जानने और उनकी मदद करने के लिए बेहद अच्छी तरह से इस्तेमाल किया।
2 बार चुनी गईं सबसे अच्छी सांसद
सुषमा को 2008 और 2010 में दो बार 'सबसे अच्छा सांसद' के खिताब से नवाजा गया। वह ये पुरस्कार हासिल करने वाली पहली महिला सांसद थीं। वहीं, शुरूआती दिनों में उन्हें हरियाणा विधानसभा में सबसे अच्छे वक्ता के पुरस्कार से भी नवाजा गया। ये दोनों तथ्य बताते हैं कि सुषमा भाषण देने के मामले में किसी से कम नहीं थीं, लेकिन वह हमेशा अपनी मर्यादा में रही। यही कारण है कि आज उनके निधन पर सभी पार्टियों में शोक है।