क्या भारत में कम हो रही है कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार?
क्या है खबर?
भारत में बीते कुछ दिनों से रोजाना मिलने वाले कोरोना वायरस के नए मरीजों की संख्या में कमी आई है।
ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत में संक्रमण की रफ्तार पर कुछ हद तक ब्रेक लगा है?
कुछ ऐसे आंकड़े हैं जो इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि पहले की तुलना में भारत कोरोना वायरस संक्रमण की गति कम हुई है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
नए मरीज
शीर्ष प्रभावित राज्यों में स्थिति स्थिर
भारत में अक्टूबर महीने में रोजाना कोरोना वायरस के औसतन 64,000 नए मरीज मिल रहे हैं।
यह संख्या सितंबर के आखिरी दो सप्ताह में सामने आ रहे औसतन 86,000 मामलों से कम है। उससे पहले सितंबर में रोजाना औसतन 93,000 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी।
अब कई राज्यों में हालात बेहतर हुए हैं और वहां मरने वाले लोगों की संख्या भी घटी है। सर्वाधिक प्रभावित शीर्ष तीन राज्यों में स्थिति स्थिर नजर आ रही है।
टेस्टिंग
रोजाना होने वाले टेस्ट की संख्या भी बढ़ी
वहीं दूसरी तरफ देश में टेस्टिंग में भी इजाफा हो रहा है। अगर बीते दिन की बात करें तो देशभर में लगभग 12 लाख टेस्ट किए गए। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में कुल 8.23 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं।
टेस्टिंग बढ़ने के बावजूद संक्रमण के मामले कम होना उम्मीद की किरण दिखा रहा है।
हालांकि, कई जानकारों का कहना है कि तस्वीर उतनी साफ नहीं है, जितनी यह दिख रही है।
विशेषज्ञों की राय
मौजूदा स्थिति के बारे में क्या कहते हैं जानकार?
जानकार मानते हैं कि नए मरीजों की संख्या में कमी आना एक अच्छी बात है, लेकिन इसके आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि महामारी के अंत की शुरुआत हो चुकी है।
उनका कहना है कि टेस्ट की संख्या बढ़ना और संक्रमितों की संख्या कम होना महामारी को समझने के लिए पर्याप्त नहीं है। रोजाना आधे से ज्यादा टेस्ट रैपिड एंटीजन तकनीक से हो रहे हैं, जो कई मामलों में सटीक नतीजे नहीं देती।
बयान
एंटीजन और RT-PCR टेस्ट के अलग-अलग आंकड़े देने की जरूरत- जमील
बीबीसी से बात करते हुए देश के मशहूर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने बताया कि यह कहना मुश्किल है कि संक्रमण के मामलों में कमी रैपिड टेस्टिंग के गलत नतीजों के कारण आ रही है या सही में मामले कम हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसका पता तभी लग सकता है, जब सरकार आंकड़े जारी कर बताए कि रोजाना कितने RT-PCR टेस्ट और कितने एंटीजन टेस्ट हो रहे हैं। तभी इनका तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है।
बयान
भारत की लगभग 10 फीसदी आबादी कोरोना की चपेट में- मुखर्जी
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रमुख डॉक्टर श्रीनाथ रेड्डी ने कहा कि भारत में 'ऑन डिमांड टेस्टिंग' शुरू हो गई है। इस वजह से हो सकता है कि बिना लक्षण वाले लोगों की टेस्टिंग में बढ़ोतरी हुई हो।
वहीं मिशिगन यूनिवर्सिटी के ब्र्हामर मुखर्जी कहते हैं कि भारत की लगभग 10 फीसदी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। सीरो सर्वे के नतीजे भी ऐसी संभावना की तरफ इशारा करते हैं।
कोरोना वायरस
कैसे पता चलेगा महामारी की रफ्तार कम हुई या नहीं?
डॉक्टर रेड्डी कहते हैं कि मौत की संख्या पर गौर करने से पता चल सकता है कि भारत में महामारी की रफ्तार धीमी हो रही है या नहीं।
उन्होंने बताया, "अगर थोड़े कम मामले भी रिपोर्ट हो रहे हैं तब भी मरने वालों के सात दिन का मूविंग एवरेज बता सकता है ट्रेंड गिर रहा है या नहीं। हमें इस पर ध्यान देना होगा।"
गौरतलब है कि भारत में कोरोना के कारण एक लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
कोरोना वायरस
देश में 67 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित
अगर भारत में कोरोना वायरस के कुल मामलों की बात करें तो ये 67 लाख से ज्यादा हो चुके हैं।
बीते दिन देश में कोरोना वायरस के 72,049 नए मरीज मिले और 986 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। देश में लगातार दूसरे दिन मरने वालों की संख्या 1,000 से कम रही है।
इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 67,57,131 हो गई है, जिनमें से 1,04,555 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।