भारतीय नौसेना को सौंपा गया युद्धपोत INS इम्फाल, जानें इसकी खासियत
क्या है खबर?
भारतीय नौसेना के बेड़े में एक नया युद्धपोत 'INS इम्फाल' शामिल हो गया है।
मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड पर इस नवनीतम मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत को कमीशन किया गया।
INS इम्फाल का नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है, जिसे जल्द अब पश्चिमी नौसेना कमान यानी अरब सागर में तैनात किया जाएगा।
आइए इस युद्धपोत की खासियतों के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं।
नाम
INS इम्फाल क्यों रखा गया नाम?
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में मणिपुर के बलिदान और योगदान के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है।
इस युद्धपोत का नाम राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए मणिपुर और पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व और योगदान को रेखांकित करता है।
INS इम्फाल को देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र के किसी भी शहर के नाम पर सबसे बड़ा और सबसे उन्नत विध्वंसक युद्धपोत होने का भी गौरव प्राप्त है।
युद्ध
क्या है इस युद्धपोत की खासियत?
INS इंफाल विशाखापत्तनम श्रेणी के स्टील्थ-निर्देशित मिसाइल विध्वंसक का तीसरा युद्धपोत है।
यह नौसेना का अब तक का सबसे शक्तिशाली स्वदेशी युद्धपोत है, जो सतह पर मार और सतह से हवा में मार करने वाली कई अत्याधुनिक मिसाइलों के अलावा अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों लैस है।
इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर है और वजन 6,670 टन के करीब है। यह युद्धपोत अपने अत्याधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन की मदद से 56 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकता है।
हथियार
किन अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस है युद्धपोत?
INS इम्फाल में 32 बराक-8 मिसाइलें, 16 ब्रह्मोस एंटी शिप मिसाइल, 4 टॉरपीडो ट्यूब्स, 2 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और 7 प्रकार की बंदूकें लगी हैं। इसमें वेस्टलैंड सी किंग और ध्रुव हेलीकॉप्टर भी तैनात हो सकते हैं।
इस युद्धपोत में स्वचालित पावर प्रबंधन प्रणाली, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम, क्लोज-इन वेपन सिस्टम और झुके हुए माउंटेड सोनार शामिल हैं।
अत्याधुनिक सोनार सिस्टम से दुश्मनों की नजर में आए बिना उनका आसानी से समुद्र में पता लगाया जा सकता है।
युद्धपोत
युद्धपोत का कब शुरू हुआ था निर्माण?
INS इम्फाल के निर्माण 19 मई, 2017 को शुरू किया हुआ था और इसे 20 अप्रैल, 2019 को पानी में उतारा गया था।
इस साल 20 अक्टूबर में बंदरगाहों और समुद्र में व्यापक परीक्षणों के बाद इसे नौसेना को अग्रिम परीक्षणों के लिए सौंपा गया था।
यह अब तक किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए निर्माण से लेकर परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया में लिया गया सबसे कम समय है। इसमें भी INS इम्फाल ने नया रिकॉर्ड कायम किया है।
ताकत
भारतीय नौसेना की कितनी बढ़ी ताकत?
भारतीय नौसेना वर्तमान में 132 युद्धपोतों का संचालन करती है, जिसमें कोलकाता क्लास, दिल्ली क्लास और राजपूत क्लास के 11 स्टील्थ-निर्देशित मिसाइल युद्धपोत शामिल हैं और 67 निर्माणाधीन हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने 2035 तक 170-175 युद्धपोतों के बेड़े की कल्पना की है।
नवंबर, 2023 में सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद INS इम्फाल को भारतीय नौसेना को सौंपा गया है। इसमें 50 अधिकारी और 250 नौसेनिक तैनात रह सकते हैं।