भारतीय नौसेना ने किया MRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए क्या है इसकी खासियत
भारतीय नौसेना ने मंगलवार को इंडियन नेवल शिप (INS) विशाखापत्तनम में एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) है, जो किसी भी लक्ष्य पर सटीक निशाना लगा सकती है। MRSAM को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और इजराइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने मिलकर भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) हैदराबाद में विकसित किया है।
MRSAM में क्या है खासियत?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, MRSAM को 2021 में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था और यह मिसाइल एक साथ कई टारगेट पर निशाना साध सकती है। यह मिसाइल हर दिशा में 70 किलोमीटर की रेंज तक किसी भी विमान, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइल और ड्रोन को नष्ट करने करने में कारगर है। यह मिसाइल कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), राडर सिस्टम और एंडवास्ड लॉन्ग रेंज रडार सहित तमाम आधुनिक तकनीकों से लैस है।
70 से 100 किलोमीटर तक है MRSAM मिसाइल की रेंज
भारत और इजरायल ने मिलकर इसे तैयार किया है। MRSAM सतह से हवा में मार करने वाली इजरायली मिसाइल बराक-8 पर आधारित है। यह मिसाइल आसमान में 70 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी टारगेट को पूरी सटीकता से मार गिरा सकती है। यह मिसाइल लॉन्च होने पर कम धुआं छोड़ती है और इसकी अधिकतम रेंज 100 किलोमीटर तक है, जबकि इसकी रफ्तार 680 मीटर प्रति सेकेंड तक पहुंच जाती है। MRSAM का वजन 275 किलोग्राम है।
परीक्षण को लेकर भारतीय नौसेना ने क्या कहा?
नौसेना ने अपने बयान में कहा है, "MRSAM मध्यम दूरी की सतह से ऊपर हवा में मार करने की हथियार प्रणाली है, जिसे 'अभ्रा' भी कहा जाता है। यह एक अत्याधुनिक मध्यम श्रेणी की मारक क्षमता वाली मिसाइल है, जिसे भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग की सक्रिय भागीदारी के साथ DRDO और IAI ने संयुक्त रूप से मिलकर तैयार किया है।" बता दें, भारत और इजरायल की साझेदारी से दोनों देशों के रक्षा प्रणाली को काफी मजबूती मिली है।
न्यूजबाइट्स प्लस
सोमवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह INS विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने नौसेना द्वारा चलाए जा रहे सैन्य अभियानों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा, "भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे। लगातार बदलती विश्व व्यवस्था ने सभी को फिर से रणनीति बनाने के लिए मजबूर किया है। हमें भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।"