इंडोनेशिया में सुनामी से मरने वालों की संख्या 281 पहुंची, राहत और बचाव कार्य जारी
इंडोनेशिया में आई सुनामी में मरने वालों की संख्या 281 और घायलों की संख्या 1,000 से पार पहुंच गई है। शनिवार शाम को क्रेकाटोआ में ज्वालामुखी फटने से सुनामी आई थी। यह सुनामी बिना भूकंप के आई, जिस वजह से समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगीं। लोग क्रिसमस की छुट्टियां होने की वजह से बड़ी संख्या में समुद्र किनारे इकट्ठे हुए थे। साथ ही सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की गई थी, जिस वजह से भारी नुकसान हुआ है।
मृतकों की संख्या 281 के पार
ये हो सकती हैं सुनामी की वजहें
इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि इस सुनामी की वजह ज्वालामुखी के फटने के बाद समुद्र के नीचे हुई हलचल हो सकती है। साथ ही ऊंची लहरों की वजह पूर्णिमा के चांद को भी बताया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सुनामी सूचना केंद्र ने ज्वालामुखी फटने से आई सुनामी की घटना को दुर्लभ बताया है। बता दें, इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी है। इसलिए यहां सबसे ज्यादा भूकंप और सुनामी की घटनाएं होती हैं।
अभी बरकरार है खतरा
शनिवार को ज्वालामुखी फटने के सिर्फ 24 मिनट बाद सुनामी का कहर टूटा। अभी भी सुनामी का खतरा पूरी तरह टला नहीं है। लोगों को तटीय इलाकों से दूर रहने की सलाह दी गई है। कहा जा रहा है कि रविवार को भी ज्वालामुखी फिर से फटा है इसलिए सुनामी और भूकंप का खतरा अभी बना हुआ है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस मुश्किल घड़ी में लोगों से संयम बनाये रखने की अपील की है।
राहत और बचाव कार्य जारी
अचानक आई सुनामी की वजह से लोगों को बचने का मौका नहीं मिला और उन्हें जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा। भयंकर नुकसान के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। इंडोनेशिया की आपदा राहत दल टीम के मुताबिक, अभी भी बड़ी संख्या में लोग लापता है इसलिए मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। सुनामी से आई ऊंची लहरों की वजह समुद्री तट के पास बने घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने जताया दुख
इस साल की दूसरी घटना
इंडोनेशिया में इस साल दूसरी बार सुनामी का कहर टूटा है। इससे पहले 28 सितंबर को सुलावेसी द्वीप में भूकंप और सुनामी की वजह से 2,500 लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इस सुनामी के लिए पहले से चेतावनी जारी कर दी गई थी, जिस वजह से कम नुकसान हुआ। चेतावनी की वजह से लोगों ने पहले ही इलाका खाली कर दिया था, जबकि इस बार प्रशासन को चेतावनी जारी करने का मौका भी नहीं मिला।