भारतीय नौसेना ने सोमालिया के पास अपहृत जहाज को छुड़ाया, चालक दल सुरक्षित
क्या है खबर?
भारतीय नौसेना के विशेष मरीन कमांडोज (MARCOS) ने सोमालिया के पास अपहृत कार्गो जहाज 'एमवी लीला नॉरफॉक' को समुद्री लुटेरों से छुड़ा लिया है। पूरा चालक दल सुरक्षित है, जिनमें 15 भारतीय भी शामिल हैं।
नौसेना ने इस विशेष अभियान के लिए विध्वसंक INS चेन्नई को भेजा था।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कमांडोज को जहाज पर कोई लुटेरा नहीं मिला। अभी भी तलाशी अभियान जारी है, लेकिन जहाज अपने गंतव्य की तरफ बढ़ गया है।
अभियान
INS चेन्नई ने दोपहर लगभग सवा 3 बजे अपहृत जहाज को रोका
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, कार्गो जहाज के अपहृत होने की सूचना मिलने पर INS चेन्नई को गश्त से हटाकर इसकी तरफ भेजा गया और करीब 3ः15 बजे INS चेन्नई ने इसे रोक लिया।
अधिकारियों ने बताया कि समुद्री गश्ती विमान और प्रीडेटर MQ9B ड्रोन आदि का उपयोग करके अपहृत विमान पर निरंतर निगरानी रखी जा रही थी।
शुरुआती अभियान के बाद कमांडोज जहाज पर पहुंचे और एक-एक कर मंजिलों को सुरक्षित किया।
मामला
गुरुवार को हुआ था जहाज का अपहरण
ब्राजील के ड्यू एको बंदरगाह से सामान लेकर बहरीन के खलीफा बिन सलमान बंदरगाह जा रहे एमवी लीला नॉरफॉक नामक जहाज का सोमालिया से लगभग 556 किलोमीटर दूर 5-6 हथियारबंद समुद्री लुटेरों ने अपहरण कर लिया था।
इसके चालक दल में 15 भारतीय भी शामिल हैं। भारतीय नौसेना को गुरुवार शाम को इस अपहरण की सूचना मिली थी और इसके बाद ही उसने अपना बचाव अभियान शुरू कर दिया था।
अपहरण
जहाज पर लगा है लाइबेरिया का झंडा
लीला नॉरफॉक एक कार्गो जहाज है, जिसे 2006 में बनाया गया था। फिलहाल इस पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ है।
289 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े इस जहाज की क्षमता 1,70,000 टन है। ये 13.9 नॉटिकल मील की अधिकतम गति से चल सकता है।
4 दिसंबर को ब्राजील से निकले इस जहाज को 11 जनवरी को बहरीन पहुंचना था, लेकिन बीच में ही जहाज का अपहरण हो गया।
अपहरण
पिछले महीने भी समुद्री लुटेरों ने अगवा किया था जहाज
पिछले महीने सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने अरब सागर में माल्टा के जहाज एमवी रुएन का अपहरण कर लिया था। इसके बाद भारतीय नौसेना ने INS कोच्चि को भेज जहाज को छुड़ाया था।
नौसेना ने चालक दल के एक सदस्य को चिकित्सा सहायता भी पहुंचाई थी, जिसे लुटेरों ने चोटिल कर दिया था।
इस क्षेत्र में समुद्री डाकुओं के हमले 2008 और 2013 के बीच चरम पर थे, लेकिन कुछ सालों से इनमें कमी आई है।