लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज का सोमालिया के पास अपहरण, चालक दल में 15 भारतीय
लाल सागर और अरब सागर में जहाजों पर हमले के बीच एक बड़ी खबर है। लाइबेरिया के झंडे वाले एक जहाज का सोमालिया के पास से अपहरण कर लिया गया। जहाज का नाम 'एमवी लीला नॉरफॉक' बताया जा रहा है, जिसके चालक दल में 15 भारतीय भी शामिल हैं। एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि भारतीय नौसेना जहाज पर कड़ी निगरानी रख रही है और चालक दल के साथ बातचीत की गई है।
INS चेन्नई अपह्रत जहाज की ओर रवाना
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, नौसेना ने चालक दल के साथ संचार स्थापित किया है, जो सुरक्षित है। भारतीय नौसेना के युद्धपोत INS चेन्नई को स्थिति से निपटने के लिए अपहृत जहाज की ओर रवाना किया गया है। विमानों से भी जहाज पर निगरानी रखे जाने की खबर है। नौसेना ने कहा कि उसे 4 जनवरी की शाम को जहाज से एक संदेश मिला था, जिसमें 5-6 अज्ञात सशस्त्र कर्मियों के जहाज पर सवार होने की जानकारी दी गई थी।
नौसेना बोली- स्थिति पर बारीकी से नजर
नौसेना ने एक बयान में कहा, "हमारे विमान जहाज की आवाजाही पर नजर रख रहे हैं। INS चेन्नई को सहायता प्रदान करने के लिए जहाज की ओर भेजा गया है। क्षेत्र में अन्य एजेंसियों के समन्वय से पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।" मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, ये जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान बंदरगाह जा रहा था। जहाज से आखिरी संपर्क 30 दिसंबर को हुआ था।
कार्गो जहाज है लीला नॉरफॉक
लीला नॉरफॉक एक कार्गो जहाज है, जिसे 2006 में बनाया गया था। फिलहाल इस पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ है। 289 मीटर लंबे और 45 मीटर चौड़े इस जहाज की क्षमता 1,70,000 टन है। ये 13.9 नॉटिकल मील की अधिकतम गति से चल सकता है। 4 दिसंबर को ब्राजील से निकले इस जहाज को 11 जनवरी को बहरीन पहुंचना था, लेकिन बीच में ही जहाज का अपहरण हो गया।
पिछले महीने भी समुद्री लुटेरों ने अगवा किया था जहाज
पिछले महीने सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने अरब सागर में माल्टा के जहाज MV रुएन का अपहरण कर लिया था। इसके बाद भारतीय नौसेना ने INS कोच्चि को भेज जहाज को छुड़ाया था। नौसेना ने चालक दल के एक सदस्य को चिकित्सा सहायता भी पहुंचाई थी, जिसे लुटेरों ने चोटिल कर दिया था। इस क्षेत्र में समुद्री डाकुओं के हमले 2008 और 2013 के बीच चरम पर थे, लेकिन कुछ सालों से इनमें कमी आई है।