273 महिलाओं सहित नौसेना में शामिल हुआ अग्निवीरों का पहला बैच, नौसेना प्रमुख ने ली सलामी
ओडिशा में भारतीय नौसेना के INS चिल्का पर 273 महिलाओं सहित 2,585 अग्निवीरों के पहले बैच की पासिंग आउट परेड (POP) आयोजित हुई, जिसके बाद यह अग्निवीर औपचारिक रूप से नौसेना का हिस्सा बन गए। यह पहला अग्निवीरों का बैच 16 सप्ताह के लंबे प्रशिक्षण के बाद नौसेना में अपनी सेवाएं देने को तैयार है। मंगलवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इस परेड की सलामी ली, जबकि पहली बार POP का आयोजन सूर्यास्त के बाद किया गया।
भारतीय नौसेना में नए युग की शुरुआत- नौसेना प्रमुख
परेड की सलामी देने के बाद अग्निवीरों को संबोधित करते हुए नौसेना प्रमुख कुमार ने कहा कि अग्निवीरों का यह पहला बैच नौसेना में शामिल होकर इतिहास रचने जा रहा है, जिसमें 273 मातृशक्ति भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, "भारतीय नौसेना में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। यह दुनिया के सामने हमारी नारी शक्ति को प्रदर्शित करने का मौका है। यह महिला नौसैनिक देश की एक पूरी युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का कार्य करेंगी।"
नौसेना प्रमुख बोले- भारत और भारतीय नौसेना का हो रहा विकास
नौसेना प्रमुख ने कहा, "अग्निवीरों का पहला बैच भविष्य के अग्निवीरों के लिए पथप्रदर्शक का काम करेगा। यह बैच तय करेगा कि भावी अग्निवीर भारतीय नौसेना में शामिल होकर भारत की सुरक्षा का हिस्सा कैसे बन सकते हैं।" उन्होंने कहा, " भारत और भारतीय नौसेना तेजी से विकास के कर रहे हैं और सभी अग्निवीर भाग्यशाली हैं और उन्हें गर्व होना चाहिए कि वह इस विकास यात्रा का हिस्सा बनने जा रहे हैं।"
POP में पीटी उषा और मिताली राज रहीं उपस्थित
भारतीय नौसेना में शामिल होने वाले अग्निवीरों के इस पहले बैच की ऐतिहासिक POP के दौरान राज्यसभा सासंद और एथलीट पीटी उषा और भारतीय क्रिकेटर मिताली राज भी उपस्थित रहीं, जिन्होंने 273 महिला अग्निवीरों की हौसला अफजाई की। गौर हो कि INS चिल्का भारतीय नौसेना के अग्निवीरों को प्रशिक्षित करने प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र है, जो यहां प्रशिक्षुओं को सभी प्रारंभिक प्रशिक्षण प्रदान करते हुए उन्हें नौसेना के लिए तैयार करता है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है, जिसकी शुरुआत 14 जून, 2022 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 4 साल के लिए भारतीय सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना को लेकर कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ था।