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अंतरिक्ष यात्रा से लौटने पर क्यों कुछ दिन विशेषज्ञों की निगरानी में रहते हैं अंतरिक्ष यात्री?
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटना भी बहुत कठिन होता है (तस्वीर: नासा)

अंतरिक्ष यात्रा से लौटने पर क्यों कुछ दिन विशेषज्ञों की निगरानी में रहते हैं अंतरिक्ष यात्री?

Jul 16, 2025
07:34 am

क्या है खबर?

अंतरिक्ष यात्रा बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, लेकिन पृथ्वी पर लौटना भी उतना ही कठिन होता है। अंतरिक्ष यात्री जब लंबे समय तक कम गुरुत्वाकर्षण के माहौल में रहते हैं, तो उनके शरीर में कई बदलाव होते हैं। पृथ्वी पर लौटते ही उन्हें दोबारा सामान्य गुरुत्वाकर्षण का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से अंतरिक्ष एजेंसियां उन्हें वापसी के बाद कुछ दिनों तक विशेषज्ञों की निगरानी में रखती हैं, ताकि उनकी सेहत की पूरी तरह से जांच हो सके।

#1

हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी 

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने से शरीर की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। यात्री वहां ज्यादा चल-फिर नहीं पाते, जिससे मांसपेशियां ठीक से काम नहीं करतीं। पृथ्वी पर लौटने पर चलना, बैठना या खड़े रहना मुश्किल हो सकता है। इसलिए यात्रियों को विशेष व्यायाम, फिजियोथेरेपी और डॉक्टर की देखरेख में रखा जाता है, ताकि शरीर फिर से सामान्य ताकत और संतुलन हासिल कर सके और कोई शारीरिक परेशानी न हो।

#2

हृदय और रक्त संचार पर असर 

अंतरिक्ष में शरीर का रक्त संचार भी बदल जाता है और दिल को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। हालांकि, पृथ्वी पर लौटने पर फिर से तेजी से काम करना होता है। इससे चक्कर आना, थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है। डॉक्टर यह जांचते हैं कि यात्री का दिल सामान्य रूप से काम कर रहा है या नहीं। जरूरत पड़ने पर उन्हें विशेष दवाएं, जांचें और चिकित्सा दी जाती है, ताकि स्वास्थ्य बिगड़े नहीं।

#3

मानसिक और प्रतिरक्षा प्रणाली की जांच 

अंतरिक्ष में रहने से मानसिक तनाव और अकेलेपन का असर भी हो सकता है। इसलिए विशेषज्ञ यात्री के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करते हैं। इसके साथ ही, प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम पर भी अंतरिक्ष असर डाल सकता है। डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि यात्री को कोई संक्रमण या बीमारी न हो और वह पूरी तरह स्वस्थ हो, तभी उन्हें सामान्य जीवन में लौटने की अनुमति दी जाती है।