
भारत का पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम, बगलिहार बांध से रोका चिनाब नदी का पानी
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 65 साल पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।
अब भारत ने सख्त कदम उठाते हुए चिनाब नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान जाने वाले पानी का प्रवाह रोक दिया है।
इसी तरह भारत झेलम नदी पर किशनगंगा बांध पर भी ऐसा ही कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। इससे पाकिस्तान में पानी की किल्लत मच सकती है।
फायदा
भारत के पास है पानी को नियंत्रित करने की क्षमता
PTI के मुताबिक, जम्मू के रामबन में बगलिहार और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जल विद्युत बांध के जरिए भारत अपनी तरफ से पाकिस्तान को जाने वाले पानी और उसकी रफ्तार को नियंत्रति कर सकता है।
यानी इन बांधों के जरिए पाकिस्तान को पहुंचने वाले पानी को बिना किसी पूर्व चेतावनी के रोका जा सकता है और फ्लो को बढ़ाया भी जा सकता है।
भारत ने दशकों पुरानी इस समझौते को पहलगाम आतंकी हमले के बाद निलंबित कर दिया था।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें वीडियो
Screw IMF. Screw World Bank. This is New Bharat. It doesn't bow down to any pressure.
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) May 4, 2025
Bharat has HALTED water flow through Baglihar Dam on Chenab River in J&K following Abeyance of Indus Waters Treaty in response to Pahalgam Att@ck.
Kahi Duba ke bhi maarenge aur Kahi Pyasa! pic.twitter.com/965pzWxRf3
विवाद
भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का विषय रहा है बगलिहार बांध
बगलिहार बांध भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। पाकिस्तान ने अतीत में विश्व बैंक से मध्यस्थता की मांग की थी।
किशनगंगा बांध को कानूनी और कूटनीतिक जांच का सामना करना पड़ा है। खासकर झेलम की सहायक नदी नीलम पर इसके प्रभाव को लेकर।
भारत से पाकिस्तान में बहने वाली इन नदियों को देश की जीवनरेखा माना जाता है, क्योंकि देश सिंचाई और पेयजल आपूर्ति के लिए इन पर निर्भर है।
संधि
क्या है सिंधु जल संधि?
विश्व बैंक की मध्यस्थता से 1960 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी।
इसके तहत सिंधु घाटी में बहने वाली 3 पूर्वी नदियों (रवि, सतलज, व्यास) पर भारत का, जबकि 3 पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर पाकिस्तान का अधिकार है।
नदियां भारत से होकर बहती हैं, इसलिए पश्चिमी नदियों के 20 प्रतिशत पानी पर भारत का अधिकार है, वो सिंचाई समेत अन्य परियोजनाओं में इसका उपयोग करता है।
नुकसान
पाकिस्तान किस तरह नुकसान में है?
यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच साझा नदियों के जल का प्रबंधन के लिए की गई थी।
दोनों देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है, इसलिए सिंचाई और कृषि के लिए नदियों पर बहुत अधिक निर्भरता है और भारत के 80 प्रतिशत पानी देने से पाकिस्तान को कृषि में फायदा हुआ।
सिंधु, झेलम और चिनाब नदियां पाकिस्तान से नहीं निकलती हैं, इसलिए उस देश की 80 प्रतिशत यानी 1.6 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि इस संधि पर निर्भर है।