वायु प्रदूषण से 5 साल कम हो रही भारतीयों की औसत उम्र, दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित
क्या है खबर?
भारतीयों पर वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। शिकागो यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण की वजह से एक भारतीय नागरिक की औसत उम्र 5.3 साल कम हो रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रदूषित देश और दिल्ली दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर है।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि प्रदूषण के कारण भारत में नागरिकों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है।
आंकड़े
कैसे हैं भारत में प्रदूषण के आंकड़े?
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में भारत में प्रदूषण 56.2 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m3) था, जो 2021 में बढ़कर 58.7µg/m3 हो गया है। ये आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित आदर्श आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा है।
भारत में सबसे प्रदूषित इलाके उत्तरी मैदान या सिंधु-गंगा के मैदान हैं, जहां देश की 38.9 प्रतिशत आबादी रहती है। साल 2013 के बाद से, दुनियाभर के प्रदूषण में 59.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी भारत की वजह से हुई है।
भारत
पूरे भारत में कहीं भी स्वच्छ हवा नहीं
भारत ने अपने खुद के प्रदूषण मानक बना रखे हैं। इसके मुताबिक, PM2.5 का स्तर 40µg/m3 होनी चाहिए। हालांकि, पूरे देश में प्रदूषण का स्तर इस आंकड़े से ज्यादा ही है। यानी भारत अपने ही निर्धारित किए मानकों पर खरा नहीं उतरा है।
रिपोर्ट में पंजाब के पठानकोट को सबसे कम प्रदूषित जिला बताया गया है, लेकिन यहां भी प्रदूषण का स्तर WHO की निर्धारित सीमा से 7 गुना ज्यादा है।
दिल्ली
दिल्ली-NCR में हालात चिंताजनक
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दिल्ली NCR के हालात सबसे ज्यादा खराब है। वायु प्रदूषण की वजह से दिल्ली में रह रहे एक नागरिक की औसत उम्र 11.9 साल कम हो रही है।
इसके अलावा गौतम बुद्ध नगर के लिए ये आंकड़ा 11.3, गुरुग्राम के लिए 11.2, फरीदाबाद के लिए 10.8 और गाजियाबाद के लिए 10.7 है।
यानी पूरी दिल्ली-NCR की हालत चिंताजनक है। रिपोर्ट में दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है।
चीन
चीन में कम हुआ वायु प्रदूषण
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में 2013 से 2021 के बीच प्रदूषण का स्तर 42.3 प्रतिशत और 2020 से 2021 के बीच 5.3 प्रतिशत कम हुआ है।
बीजिंग प्रांत के बड़े हिस्से में प्रदूषण में सबसे बड़ी कमी आई है। यहां बीते 8 सालों में वायु प्रदूषण 56.2 प्रतिशत कम हो गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदूषण कम होने की वजह से चीन के नागरिक की औसत उम्र 2.2 साल तक बढ़ सकती है।
उपाय
प्रदूषण रोकने के लिए क्या कर रहा है भारत?
2019 में देश में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य 2024 तक PM2.5 कणों में 2017 की तुलना में 20-30 प्रतिशत की कमी लाना है।
शुरुआत में इस योजना में उन 102 शहरों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो PM2.5 के राष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
वहीं, 2025-26 तक 131 शहरों में प्रदूषण के स्तर को 2017 की तुलना में 40 फीसदी कम करने का लक्ष्य भी रखा गया है।
PM2.5
न्यूजबाइट्स प्लस
PM2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण होते हैं। इनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर के आसपास होता है।
अति सूक्ष्म कण होने की वजह से ये आसानी से हमारे शरीर में चले जाते हैं। प्रदूषण की समस्या को गंभीर बनाने में PM2.5 कणों की अहम भूमिका होती है।
ये कण सांस लेने के द्वारा हमारे फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश करने की क्षमता रखते हैं और इनकी वजह से गंभीर बीमारी भी हो सकती है।